माना जा रहा कि अपने तीन दिवसीय यात्रा के दौरान वह शेख हसीना के साथ कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। असल में 17 मार्च को शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के आयोजन के लिए बांग्लादेश सरकार ने खासतौर से पीएम नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया है। क्योंकि बांग्लादेश की आजादी में भारत ने अहम भूमिका निभाई थी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी 16 से 18 मार्च के बीच बांग्लादेश जाने की संभावना है, जहां वह अपने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि नागिरकता संसोधन कानून को लेकर ऊपजे हालत को लेकर भी दोनों देशो की आमने सामने बात होगी। हालांकि शेख हसीना पहले ही कह चुकी हैं ये भारत का आंतरिक मामला है।
माना जा रहा कि अपने तीन दिवसीय यात्रा के दौरान वह शेख हसीना के साथ कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। असल में 17 मार्च को शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के आयोजन के लिए बांग्लादेश सरकार ने खासतौर से पीएम नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया है। क्योंकि बांग्लादेश की आजादी में भारत ने अहम भूमिका निभाई थी। माना जा रहा कि पीएम मोदी की यात्रा से पहले विदेश सचिव बांग्लादेश की यात्रा पर जाएंगे ताकि प्रधान मंत्री की यात्रा की जमीनी तैयारी की जा सके।
पिछले साल पीएम मोदी के निमंत्रण पर बांग्लादेश की प्रधान मंत्री ने भारत का दौरा किया था। लेकिन नागरिकता कानून को लेकर हुए विरोध के बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमन और गृह मंत्री असदुज्जमान खान ने पिछले दिनों भारत की यात्रा को रद्द कर दिया था। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के तहत गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में नागरिकता मिलेगी। वहीं भारत में इसके विरोध और प्रदर्शन के कारण पिछले दिनों कई बांग्लादेश भारत से वापस अपने देश चल रहे हैं।
हालांकि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीन सीएए को लेकर इसे भारत का आंदरूनी मामला बता चुकी है। शेख हसीना ने पिछले साल दुबई में कहा था कि ये पूरी तरह से भारत का मामला है और इसमें किसी भी तरह से बांग्लादेश की भूमिका नहीं। असल में सीएए के लागू होने से इसमें सबसे ज्यादा बांग्लादेश शरणार्थी ही प्रभावित होंगे। जो भारत के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से रह रहे हैं।