पिछले साल ही सीबीआई ने अवैध हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए राज्य के कई अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की थी। राज्य में फर्जी लाइसेंस का एक बड़ा रैकेट चल रहा था। जिसमें विभिन्न राज्यों के लोगों को जम्मू कश्मीर से लाइसेंस जारी किए गए। इन अफसरों को लाइसेंस जारी करने के ऐवज में मोटी रकम मिलती थी।
श्रीनगर। राज्य में फर्जी हथियार लाइसेंस घोटाले में सीबीआई ने राज्य के दो आईएएस अफसरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच चल रही थी और सीबीआई ने इन अफसरों को हिरासत में लिया था। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। राज्य में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये पहला मामला है जिसमें किसी आईएएस अफसर को जेल भेजा गया हो।
पिछले साल ही सीबीआई ने अवैध हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए राज्य के कई अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की थी। राज्य में फर्जी लाइसेंस का एक बड़ा रैकेट चल रहा था। जिसमें विभिन्न राज्यों के लोगों को जम्मू कश्मीर से लाइसेंस जारी किए गए। इन अफसरों को लाइसेंस जारी करने के ऐवज में मोटी रकम मिलती थी। सोमवार को राज्य के दो आईएएस राजीव रंजन (तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, कुपवाड़ा, ) और इटारसी हुसैन रफीकी, आईएएस (तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, कुपवाड़ा)को हथियार लाइसेंस जारी करने में अनियमितता से जुड़े मामले में 10 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया।
इन दोनों अफसरों ने 2012 से 2016 के दौरान कुपवाड़ा सहित जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में अपनी तैनाती के दौरान अवैध रूप से थोक हथियार लाइसेंस जारी किए थे। सीबीआई ने हाल में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जो जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के बंदूक डीलरों और अधिकारियों के लिए काम कर रहा था और फर्जी लाइसेंस जारी कर रहा था। सीबीआई राज्य में फर्जी लाइसेंस के बारे में पहले भी जानकारी मिल रही थी। लेकिन पिछले साल पांच अगस्त के बाद इस मामले में काफी तेजी आई। क्योंकि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में केन्द्र सरकार के सभी नियम लागू हो गए। जिसके बाद सीबीआई के लिए दोषी लोगों को गिरफ्तार करना आसान हो गया। उससे हालांकि सीबीआई को आशंका है कि इस मामले में कई अन्य अफसर शामिल हैं। जिसकी जांच चल रही है।