बिहार में सियासी दलों को मिले सिंबल, किसी को 'कड़ाही' तो किसी को मिली 'कैंची'

राज्य में चुनाव का ऐलान कभी भी किया जा रहा है और इससे पहले चुनाव आयोग ने कई राजनीतिक दलों का सिंबल बदल दिए हैं। जिन दलों की राज्य स्तर पर चुनाव आयोग की मान्यता होती है

Political parties got symbols in Bihar, some got 'kadai' and some got scissors

नई दिल्ली।  बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कई सियासी दलों को सिंबल को चुनाव आयोग ने बदल दिया है। राज्य में चुनाव आयोग ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी को अब कैची सिंबल जारी किया है। जबकि कुछ दिन पहले ही एनडीए का हिस्सा बने जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को कड़ाही का सिंबल दिया गया है।

राज्य में चुनाव का ऐलान कभी भी किया जा रहा है और इससे पहले चुनाव आयोग ने कई राजनीतिक दलों का सिंबल बदल दिए हैं। जिन दलों की राज्य स्तर पर चुनाव आयोग की मान्यता होती है उनका चुनाव चिन्ह बदला जाता है और इसी के तहत चुनाव आयोग ने सियासी दलों के सिंबलों को बदला है। चुनाव आयोग ने पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी को अब कैची चुनाव चिन्ह जारी किया है। जबकि हाल में एनडीए का हिस्सा बने जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को कड़ाही का सिंबल दिया गया है। इससे पहले जन अधिकार पार्टी का चुनावी सिंबल हॉकी था जबकि चुनाव आयोग ने जीतन राम मांझी की पार्टी को टेलीफोन सिंबल दिया था।

चुनाव आयोग ने राज्य के 12 पार्टियों को सिंबल जारी किए हैं। वहीं राष्ट्रीय जन पार्टी को बेड का सिंबल,जनतांत्रिक लोकहित पार्टी को टेलीविजन, छाप जनता दल राष्ट्रवादी को डोली, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय को चप्पल छाप का चुनाव चिन्ह मिला है।  इसके साथ ही लोकतांत्रिक के जन स्वराज पार्टी को कैरम बोर्ड, भारतीय लोक नायक पार्टी को रोड रोलर, राष्ट्रीय जन विकास पार्टी को बेबी वॉकर, हिंदुस्तानी संपूर्ण आजाद पार्टी को बैलून, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया राष्ट्रीय को दूरबीन, मजदूर एकता पार्टी को हैंड कार्ड का सिंबल चुनाव आयोग ने दिया है। 

कैंची लेकर खुश हैं पप्पू यादव

जाप के नेता पप्पू यादव ने कैंची चुनाव चिन्ह मिलने पर ख़ुश हैं। उनका कहना कि उनकी पार्टी राज्य में भ्रष्ट्राचारियों और लुटेरों पर कैंची चलाएगी और उनके परों को कतरेगी।  जबकि पिछले चार साल से जाप के पास हॉकी का सिंबल था।

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