देखें उस पुल की तस्वीरें जिसका पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

बोगीबील रेल-रोड़ से असम और अरुणाचल के लोग एक-दूसरे के राज्य में कुछ ही घंटों में आवागमन कर सकेंगे। असम में ऊपरी ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगीबील ब्रिज भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण है। 
बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई 10.3 किलोमीटर है जब भारतीय इंजीनियरों ने इस तकनीक के जरिए 5 किलोमीटर तक सीमित कर दिया है।

Prime Minister Narendra Modi to inaugurate Bogibeel Bridge in Assam on December 25

नई दिल्ली--मंगलवार को पूर्वोत्तर के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होगा। जब यहां के दो राज्यों को एक विशाल पुल आपस में जोड़ेगा। प्रधानमंत्री 25 दिसंबर को देश के सबसे बड़े रेल ब्रिज बोगीबील को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस ब्रिज के बन जाने से यहां पूर्वोत्तर के लोगों को फायदा मिलेगा, वहीं भारतीय सेना को भी ताकत मिलेगी। इस ब्रिज के शुरू होने से भारतीय सेना को अरूणाचल में अपना साजो समान को पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही पूर्वोत्तर में पर्यटन की भी संभावना भी तेजी से बढ़ेगी। 

Prime Minister Narendra Modi to inaugurate Bogibeel Bridge in Assam on December 25

बोगीबील रेल-रोड़ से असम और अरुणाचल के लोग एक-दूसरे के राज्य में कुछ ही घंटों में आवागमन कर सकेंगे। असम में ऊपरी ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगीबील ब्रिज भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई 10.3 किलोमीटर है जब भारतीय इंजीनियरों ने इस तकनीक के जरिए 5 किलोमीटर तक सीमित कर दिया है।

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य और चीन करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा का 75 फीसदी हिस्सा अरुणाचल प्रदेश का ही है। इस ब्रिज का में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी और 2007 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किया गया। 

केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद ही इसके कार्य में तेजी आयी। 25 दिसंबर यानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर देश के सबसे लंबे रेल-रोड ब्रिज से होकर चलने वाली नई इंटरसिटी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

ब्रह्मपुत्र के बोगीबील ब्रिज के उत्तरी छोर पर तंगानी है जबकि दक्षिणी छोर पर धमालगांव है। नवनिर्मिंत ब्रिज से एक दिसम्बर से रोजाना दो मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया है।

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