दिल्ली में चुनाव प्रचार से दूर रहने वाली प्रियंका फिर पहुंची यूपी के मंदिरों की शरण में

By Team MyNation  |  First Published Feb 9, 2020, 10:59 AM IST

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय हैं। प्रियंका ने  2022  को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। पार्टी आलाकमान ने भी प्रियंका गांधी को यूपी में पूरी तरह से छोड़ दिया है। यूपी के फैसले प्रियंका गांधी ही ले रही हैं और इसमें किसी अन्य का कोई हस्तक्षेत्र नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले जिस तरह से प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में मंदिरों के दर्शन किए थे।

वाराणसी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर मंदिर के शरण में जा रही हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्टार प्रचारक होने के बावजूद प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाई। लेकिन वह यूपी की सियासत में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मंदिरों के शरण में फिर से जा रही हैं। प्रियंका गांधी आज वाराणसी के दौरे पर हैं और वह सीर गोवर्धनपुर मंदिर में मत्था टेकेंगी। प्रियंका गांधी संत रविदास की जयंती पर विशेष तौर से यूपी के दौरे हैं। ताकि दलित वोट बैंक पर सेंध लगाई जा सके।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय हैं। प्रियंका ने  2022  को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। पार्टी आलाकमान ने भी प्रियंका गांधी को यूपी में पूरी तरह से छोड़ दिया है। यूपी के फैसले प्रियंका गांधी ही ले रही हैं और इसमें किसी अन्य का कोई हस्तक्षेत्र नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले जिस तरह से प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में मंदिरों के दर्शन किए थे। अब प्रियंका की रणनीति का ये अहम हिस्सा हैं। वह अब यूपी में सभी वर्गों को साधने के लिए मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं।

लिहाजा अब दलित वर्ग को साधने के लिए संत रविदास के प्रकाशोत्सव पर सीर गोवर्धनपुर में स्थित मंदिर में दर्शन पूजन करेंगी। प्रियंका गांधी वाराणसी के संत रविदास के मंदिर में मत्था टेकने के बाद कार्यक्रम में हिस्सा लेगीं और लंगर का प्रसाद खाएंगी। असल में प्रियंका गांधी  की नजर पूर्वांचल के दलित वोट बैंक पर है जो संत रविदास की अनुयायी है। वहीं वह वाराणसी के जरिए सीधे तौर पर पीएम नरेन्द्र मोदी पर आक्रामण कर सकती हैं। पिछले दिनों ही प्रियंका गांधी ने वाराणसी के विकास के विकास को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था। 

किसी दौर में ये वोट बैंक कांग्रेस का था, लेकिन राज्य की सियायत में अब ये बसपा का वोट बैंक माना जाता है। लिहाजा प्रियंका पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक फिर से सहेजने में जुटी हैं। वहीं प्रियंका की इसी सक्रियता से बसपा भी कांग्रेस पर आक्रामक है। वहीं प्रियंका गांधी संत रविदास की जयंती में शामिल होकर दलित वर्ग को संदेश देना चाहती है। इसलिए उन्होंने अचानक रविदास जयंती में वाराणसी आने का फैसला कर किया।
 

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