खस्ताहाल है पंजाब सरकार, लेकिन विधायकों के लिए खरीदेगी एसयूवी

By Team MyNationFirst Published Jan 29, 2020, 6:30 AM IST
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हालांकि पहले पंजाब सरकार ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए प्रस्ताव को वित्त विभाग से मंजूरी के लिए भेजा था। हालांकि वित्त विभाग ने अभी तक वाहनों की खरीद के लिए धनराशि जारी नहीं की है। लेकिन वाहनों की खरीद चालू वित्त वर्ष में ही की जाएगी। असल में पंजाब के कई विधायक शिकायत कर रहे थे कि उनके वाहन सही नहीं है और उनके मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ रहा है।

चंडीगढ़। पिछले हफ्ते ही पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य के मंत्रियों और नौकरशाहों के फाइव स्टार होटलों में किए जाने सेमिनार और बैठकों पर प्रतिबंध लगाया था। वहीं राज्य सरकार का कहना था कि सरकार के पैसे नहीं हैं। लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। लेकिन  वहीं राज्य की कैप्टन सरकार अपने विधायकों के लिए एसयूवी खरीद रही है। राज्य सरकार ने राज्य के 17 विधायकों के लिए नई एसयूवी (टोयोटा इनोवा) खरीदने के की मंजूरी दी है। इसके लिए पंजाब सरकार 2.8 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

हालांकि पहले पंजाब सरकार ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए प्रस्ताव को वित्त विभाग से मंजूरी के लिए भेजा था। हालांकि वित्त विभाग ने अभी तक वाहनों की खरीद के लिए धनराशि जारी नहीं की है। लेकिन वाहनों की खरीद चालू वित्त वर्ष में ही की जाएगी। असल में पंजाब के कई विधायक शिकायत कर रहे थे कि उनके वाहन सही नहीं है और उनके मेंटेनंस का खर्चा बढ़ रहा है। लिहाजा सरकार उन्हें नया वाहन मुहैया कराए। लिहाजा सरकार ने 17 इनोवा लेने का फैसला किया है।

पंजाब में पहले से ही राजकोष में 6,000 करोड़ रुपये के बिल लंबित हैं। वहीं पिछले हफ्ते ही पंजाब सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि वे पांच सितारा होटलों में बैठकें और सेमिनार आयोजित न करें। यही नहीं राज्य सरकार ने अध्ययन के नाम पर विदेश जाने पर भी रोक लगा थी। वहीं विधायकों के लिए वाहन खरीदने के मामले में पंजाब सरकार का कहना है कि कुछ विधायकों की शिकायत है कि उनके वाहन 15 साल से अधिक पुराने हो गए हैं और उन्हें दिल्ली में इन वाहनों के साथ अनुमति नहीं दी जाती है।

वहीं राज्य की परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि  विधायकों को नए वाहनों की जरूरत है। लिहाजा सरकार वाहनों को खरीद रही है। वहीं ज्यादातर विधायकों के सरकारी वाहन 10 साल से अधिक पुराने हैं।  हालांकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधायकों को कोई भी आधिकारिक वाहन उपलब्ध नहीं कराया जाता है
 

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