देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एक नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय भेदभाव का मामला सामने आया है। इस घटना में एक छात्र के साथ मात्र इसलिए गलत व्यवहार किया क्योंकि वह बिहार का रहने वाला था।
नई दिल्ली: अपने खुले माहौल और समरसता के लिए मशहूर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू में रैगिंग की एक घटना सामने आई है। यहां पीएचडी में पढ़ने वाले एक सीनियर छात्र पर भाषा का कोर्स कर रहे एक जूनियर छात्र ने रैगिंग का आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि पीएचडी कर रहे एक स्कॉलर ने सेंटर ऑफ जर्मन स्टडीज में पढ़ने वाले छात्र की रैगिंग ली और उसके साथ मारपीट भी की है। बताया जा रहा है कि जूनियर छात्र के साथ मारपीट की गई और उसके कान पकड़कर उठक-बैठक करवाया गया। इसके अलावा उसपर गलत टिप्पणियां भी की गईं।
यह घटना पांच दिन पहले 18 जुलाई को हुई। पीड़ित छात्र ने इस मामले में यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी और वसंत कुंज नॉर्थ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
बिहार के रहने वाले बीए जर्मन प्रथम वर्ष के छात्र रवि राज की शिकायत के मुताबिक 18 जुलाई को एक पीएचडी स्कॉलर विजय दहिया और उसके साथ मौजूद मौजूद 2 अन्य युवकों ने उसे घेर लिया। उन्होंने उससे बदतमीजी से बात करते हुए पूछा कि क्या तुम बिहारी हो?
जूनियर छात्र के हां, बोलते उसके साथ बदतमीजी शुरु कर दी गई। तीनों सीनियर छात्रों ने कहा कि यह दिल्ली है, यहां तरीके से रहा करो। इसके बाद रवि राज के साथ मारपीट की गई और उसे उठक-बैठक भी करवाया गया।
पीड़ित छात्र रवि राज ने यूजीसी की वेबसाइट पर भी एंटी रैगिंग सेल में शिकायती मेल के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद जेएनयू एंटी रैगिंग कमेटी की चेयरपर्सन ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है और बताया है कि मामले की जांच की जा रही है।