अकबर को लेकर फिर गर्मायी राजस्थान की सियासत, जानें क्या है मामला

By Team MyNationFirst Published Jun 7, 2019, 11:17 AM IST
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महाराणा प्रताप की जयंती के बाद राज्य की राजनीति में अकबर की फिर से इंट्री हो गयी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने साफ कहा कि मुगल शासक अकबर औरतों के भेष में मीना बाजार जाता और वहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म करता था। लिहाजा उनका ये बयान राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस को नहीं पच रहा है। 

राजस्थान में अकबर को लेकर सियासत गर्माने लगी है। कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार के अधीन स्कूलों में अकबर के पाठ्यक्रम को बदलने के बाद अकबर की राज्य की राजनीति में फिर इंट्री हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी ने अब अकबर को दुष्कर्मी बताया है। सैनी का कहना है कि ये इतिहास में दर्ज है। हालांकि कांग्रेस उनके इस बयान की निंदा कर रही है।

महाराणा प्रताप की जयंती के बाद राज्य की राजनीति में अकबर की फिर से इंट्री हो गयी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने साफ कहा कि मुगल शासक अकबर औरतों के भेष में मीना बाजार जाता और वहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म करता था। लिहाजा उनका ये बयान राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस को नहीं पच रहा है। कांग्रेस ने उनके इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है।

जानकारी के मुताबिक सैनी ने बीजेपी के राज्य मुख्यालय में महाराणा प्रताप की जयंती पर कहा कि किसी व्यक्ति की महानता को उसके चरित्र से आंका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये इतिहास में दर्ज है कि अकबर मीना बाजार जाता था। क्योंकि वहां पर महिलाएं काम करती थीं।

अकबर वहां पर नकली वेश में जाता था और महिलाओं के साथ दुष्कर्म करता था। सैनी ने कहा कि बीकानेर की रानी किरन देवी के साथ अकबर ने दुर्व्यवहार किया था। लेकिन रानी ने अकबर के गले में तलवार रख दी थी और अकबर ने उनसे अपनी जीवन की भीख मांगी थी और दयाकर रानी ने अकबर को छोड़ दिया था।

फिलहाल सैनी के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। असल में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के पाठ्यक्रमों का बदलना शुरू हो गया था। क्योंकि पूर्व की बीजेपी की सरकार ने अकबर महान को हटा कर महाराणा प्रताप महान कर दिया।

जिसके बाद राज्य में कांग्रेस ने विरोध किया था। अब जब राज्य में कांग्रेस की सरकार आ गयी है तो उसने पाठ्यक्रमों में बदलाव कर महाराणा प्रताप और अकबर दोनों के महान बताते हुए इसे राज्य के सरकारी स्कूलों में लागू करने का फैसला किया है।
 

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