अयोध्या मसला सुप्रीम कोर्ट में लगातार टलने के बाद आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद सरकार पर राम मंदिर को लेकर कानीन बनाने का दबाव बना रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इस बैठक में राम मंदिर और 2019 में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा हुई है।
नई दिल्ली— राजकोट में आयोजित दो दिवसीय के हिंदू आचार्य सभा के आखिरी दिन शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हिंदू आचार्य सभा में हिस्सा लेने पहुंचे।
इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच तकरीबन डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति और राम मंदिर पर रणनीति को लेकर चर्चा हुई।
बैठक में हिस्सा लेने वाले धार्मिक नेताओं ने और संतों ने स्पष्ट रूप से विचार व्यक्त किया कि मंदिर का निर्माण मई 2019 से पहले शुरू हो जाना चाहिए जब नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा।
हिंदू नेताओं ने बताया कि बैठक में शाह ने भरोसा दिया कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण होगा। संतों ने कहा कि वे राममंदिर निर्माण को जितना जल्दी संभव हो आगे बढ़ाना चाहते हैं।
अयोध्या मसला सुप्रीम कोर्ट में लगातार टलने के बाद आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद सरकार पर राम मंदिर को लेकर कानीन बनाने का दबाव बना रहे हैं।
माना जा रहा है कि इसी मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इस बैठक में राम मंदिर और 2019 में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा हुई है। हिंदू आचार्य सभा दो साल पर एक बार आयोजित की जाती है।
इस बार यह सभा गुजरात के राजकोट में आयोजित की गई थी। इस धर्म सभा में आचार्य सम्मेलन, कुंभ के लिए आमंत्रण और राम मंदिर के बारे में बात हुई है।
मोहन भागवत ने उम्मीद जताई है कि 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। धर्म सभा में राममंदिर के मुद्दे के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर भी खुल कर चर्चा हुई।