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आरबीआई ने घटाया रेपो रेट, होम, एजुकेशन और कार लोन की ईएमआई होगी कम

Published : Apr 04, 2019, 12:21 PM ISTUpdated : Apr 04, 2019, 12:22 PM IST
आरबीआई ने घटाया रेपो रेट, होम, एजुकेशन और कार लोन की ईएमआई होगी कम

सार

बाजार में कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने की मांग को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज रेपो रेट में .25 फीसदी की कटौती कर दी है। अब रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है जबकि पहले ये 6.25 फीसदी था। आरबीआई के इस पहल के बाद बाजार में कार, वाहन और एजुकेशन लोन की ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है।

बाजार में कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने की मांग को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज रेपो रेट में .25 फीसदी की कटौती कर दी है। अब रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है जबकि पहले ये 6.25 फीसदी था। आरबीआई के इस पहल के बाद बाजार में कार, वाहन और एजुकेशन लोन की ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है।

उद्योग जगत काफी अरसे से रेपो रेट में कमी करने की मांग कर रहा था। इसके पीछे उद्योग जगत के तर्क थे कि मंहगाई दर अपने निम्न स्तर पर पहुंच गयी है। लिहाजा ब्याज दरों में कमी आनी चाहिए। उद्योग का साफ कहना था कि आरबीआई को अपने रेपो रेट में कमी करनी चाहिए। ताकि बैंक को मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दर कम हो और बैंक फिर उस कर्ज को आम जनता को उपलब्ध कराएं। लिहाजा आज भारतीय रिजर्व बैंक ने नए वित्तीय वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा की। इस मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक मंगलवार से चल रही थी और इस पर आज अंतिम फैसला लिया गया।

बैंक ने आज रेपो रेट में 25 बीपीएस प्वाइंट की कटौती की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात का एलान किया है कि अब रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटकर छह फीसदी हो गया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी हो गया है। आरबीआई ने करीब दो महीने ही ही रेपो रेट में कमी की थी और यह घटाकर 6.25 कर दिया था।  गौरतलब है कि इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे थे। पिछली बैठक में मौद्रिक नीति समिति के कुछ सदस्य रेपो रेट कम करने के खिलाफ थे। लेकिन बाद में बैंक ने रेपो रेट में कमी की थी। फिलहाल देश में चल रहे चुनावी मौसम में रेपो रेट में कटौती का फायदा कर्ज दाताओं को मिलने की संभावना है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सभी बैंकों पर नियंत्रण करता है। आरबीआई बैंकों को सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध कराता है और इस कर्ज को बैंक ग्राहकों को देते हैं और उससे ज्यादा ब्याज दर वसूलते हैं। आरबीआई की कम और ज्यादा ब्याज दरों का असर जनता पर पड़ता है। आरबीआई जो ब्याज दर बैंकों से वसूलता है उसे रेपो रेट कहते हैं। ये दर उसी तारीख से लागू हो जाते हैं जिस तारीख से बैंक इसकी घोषणा करता है। आमतौर पर रेपो रेट कम होने के साथ ही होम लोन, वाहन, और एजुकेशन लोन सस्ते हो जाते हैं।
 

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