राज्य में पिछले चुनाव में महागठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस 40 पर लड़ी थी। लेकिन इस बार राज्य में कांग्रेस 120 सीटों पर दावा कर रही थी। कांग्रेस का कहना था कि जो सीटों जदयू के खाते में गई थी वह उसे मिलनी चाहिए।
पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के महागठबंधन में दरार पड़ने लगी है। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने राज्य की 150 सीटों पर दावा ठोक दिया है और बाकी की 93 सीटों को अन्य दलों को दिया है। जिसके बाद महागठबंधन के सहयोगी दल नाराज हो गए हैं। वहीं राज्य में कांग्रेस करीब 120 सीटों पर दावा कर रही थी। लिहाजा अब कांग्रेस के सामने समस्या खड़ी हो गई है।
राज्य में पिछले चुनाव में महागठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस 40 पर लड़ी थी। लेकिन इस बार राज्य में कांग्रेस 120 सीटों पर दावा कर रही थी। कांग्रेस का कहना था कि जो सीटों जदयू के खाते में गई थी वह उसे मिलनी चाहिए। वहीं राजद द्वारा राज्य की 243 सीटों में से 150 सीटों पर दावा कर अन्य सहयोगी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। असल में राजद ने साफ कर दिया है कि बिहार में सहयोगी दलों को उसके साथ अगर चलना है तो उन्हें उसकी शर्तों को मानना होगा।
राजद ने 150 सीटों पर दावा ठोकर अन्य 93 सीट कांग्रेस और जीतनराम मांझी व उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के लिए छोड़ी हैं। जबकि मांझी अभी भी राजद से नाराज चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस राजद के साथ चुनाव लड़ना चाहती है और सहयोगी दलों को भी साथ रखना चाहती है। लेकिन ऐसे में राजद ने 150 सीटों पर दावा ठोक कर कांग्रेस और सहयोगी दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था और राज्य में महागठबंधन महज एक सीट जीता था। वहीं महागठबंधन में राजद इस बार बराबरी नहीं बल्कि बड़े भाई की हैसियत चाहता है। वहीं विधानसभा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 123 है और ऐसे में राजद ने 150 सीटों पर दावा ठोककर खुद को मजबूत करने की रणनीति बनाई है।