चुनाव से पहले राजद ने लगाए पोस्टर, लेकिन पोस्टर से पार्टीं अध्यक्ष लालू गायब

By Team MyNation  |  First Published Sep 13, 2020, 8:23 PM IST

राज्य में कभी भी चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। लिहाजा राज्य के सभी सियासी दलों ने मतदाताओं को लुभाने की तैयारी करनी शुरू करदी है।  वहीं राज्य की राजधानी पटना में राजद दफ्तर के बाहर एक बड़ा होर्डिंग लगा है जिसमें केवल तेजस्वी यादव की ही तस्वीर है। 

पटना। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पोस्टरों का दौर शुरू हो गया है और हर कोई सियासी दल अपने-अपने तरीके से मतदाताओं तक पहुंच बनाने और उन्हें रिझाने की कोशिश में लगा हुआ है।  वहीं राजधानी पटना में राजद कार्यालय में पोस्टर और होर्डिंग लगे हैं, लेकिन दिलचस्प ये है कि उससे पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तस्वीर नदारद है।

राज्य में कभी भी चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। लिहाजा राज्य के सभी सियासी दलों ने मतदाताओं को लुभाने की तैयारी करनी शुरू करदी है।  वहीं राज्य की राजधानी पटना में राजद दफ्तर के बाहर एक बड़ा होर्डिंग लगा है जिसमें केवल तेजस्वी यादव की ही तस्वीर है। जबकि इसमें न पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तस्वीर है और न ही उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की तस्वीर है। वहीं पार्टी का कोई भी नेता इस तस्वीर में नहीं दिखाई दे रहा है।  इसमें लिखा है 'नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार'।

राज्य में राजद की तरफ से कई तरह से पोस्टर लगाए गए हैं और इसमें राज्य की नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई गई है।  जिसमें नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा गया है- ना आई बहार ना बदला बिहार फिर काहे का नीतीश कुमार, बनेगा सपनों का बिहार आने दो तेजस्वी सरकार। वहीं राजद के पोस्टर में सिर्फ तेजस्वी तस्वीर को लेकर जदयू ने भी राजद पर निशाना साधा है। जदयू का कहना कि राज्य में राजद के पास नेताओं की कमी पड़ गई है। वहीं तेजस्वी अपने परिवार के लोगों को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं।  

माना जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग की दो सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम 14 सितंबर को बिहार जाने वाली है और इसमें उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन और चंद्रभूषण कुमार चार जिलों मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर और बोधगया (गया) में बैठक करेंगे। लिहाजा माना जा रहा है चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। वहीं कोरोना काल में राज्य में चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। वहीं सियासी दल खुद को डिजिटल के जरिए जोड़ रहे हैं। 
 

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