दिल्ली की हिंसा को देखकर योगी सरकार हुई चौकन्नी, किए अहम फैसले

By Team MyNation  |  First Published Feb 27, 2020, 11:11 AM IST

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली में हिंसा का असर राज्य में न हो, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपी के कई जिलों में हिंसा हुई थी। जिसको लेकर योगी सरकार सख्त थी। लेकिन  इस बार माना जा रहा है कि शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद संवेदनशील जिलों में फिर प्रदर्शन हो सकते हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिल्ली में  हुई हिंसा को लेकर अहम फैसला किया है। योगी सरकार ने संवेदशील जिलों की जिम्मेदारी वरिष्ठ अफसरों को दी है। इन अफसरों को मुस्लिम बाहुल्य इलाकों की जिम्मेदारी दी गई है।  ताकि शुक्रवार को किसी भी तरह की हिंसा या तनाव न हो।

योगी सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी को संवेदनशील में तैनात किया है। इन अफसरों को उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों की जिलों और मंडलों की जिम्मेदारी दी है। सरकार ने शुक्रवार की नमाज से पहले स्थिति पर करीबी निगरानी बनाए रखने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा है। इन अफसरों को दिल्ली में स्थिति को देखते हुए पूरी तरह से सामान्य होने तक जिलों में शिविर लगाने के लिए कहा गया है।

राज्य सरकार ने एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र को मुरादाबाद भेजा गया है जबकि एडीजी आगरा जोन, अजय आनंद को अलीगढ़ का प्रभार दिया गया है। वहीं एडीजी पीएसी राम कुमार को रामपुर और ज्योति नारायण का प्रभार संभालने के लिए कहा गया है। वह हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं और उन्हें हापुड़ और बुलंदशहर का प्रभार दिया गया है। इसके साथ ही मुरादाबाद के आईजी रामित शर्मा को संभल का प्रभार दिया गया है जबकि आईजी रेलवे, विजय प्रकाश को फिरोजाबाद का जिम्मा दिया है।

इसके साथ ही आईजी पीटीसी मेरठ लक्ष्मी सिंह को मुजफ्फरनगर और डीआईजी एसआईटी जे रविंद्र गौड़ को बिजनौर की कमान सौंपी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली में हिंसा का असर राज्य में न हो, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपी के कई जिलों में हिंसा हुई थी। जिसको लेकर योगी सरकार सख्त थी। लेकिन  इस बार माना जा रहा है कि शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद संवेदनशील जिलों में फिर प्रदर्शन हो सकते हैं।

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