प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि शब्बीर शाह पाकिस्तान स्थित वैश्विक आतंकी और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद के भी संपर्क में था।
अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के आतंकियों से लिंक को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक, शब्बीर शाह आतंकी संगठनों के लिए हवाला डीलर के तौर पर काम कर रहा था।
ईडी की जांच में सामने आया है कि शाह अपने साथी मोहम्मद असलम वानी के साथ मिलकर अवैध गतिविधियां चला रहा था। एजेंसी के मुताबिक, असलम प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए भी काम करता है। वह असलम को हवाला के पैसे को कलेक्ट करने के लिए इस्तेमाल करता था। ये पैसा शब्बीर शाह को पाकिस्तान से हवाला ऑपरेटर्स के जरिये श्रीनगर में भेजा जाता था। ईडी ने श्रीनगर में शब्बीर शाह की संपत्ति जब्त कर ली है।
ईडी के मुताबिक, ‘टेरर फंडिंग के एक मामले में श्रीनगर में शब्बीर अहमद शाह की संपत्त को पीएमएलए के तहत एजेंसी ने जब्त कर लिया है।’ इफंडी बाग, रावलपोरा, श्रीनगर में स्थित शब्बीर शाह की संपत्ति को जब्त किया गया है। ये संपत्तियां उसकी पत्नी और बेटियों के नाम पर थीं।
अधिकारियों के अनुसार, शब्बीर शाह ने आय का कोई साधन न होने की बात मानी है। वह अपने खर्चों के लिए पैसा के वैध स्रोत की जानकारी भी नहीं दे सका। जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि वह पाकिस्तान स्थित वैश्विक आतंकी और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद के भी संपर्क में था। ईडी के मुताबिक, जांच से यह खुलासा हुआ है कि शब्बीर शाह को जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियां चलाने के लिए पैसा मिलता था। उसने कई संदिग्ध लेनदेन से मिली रकम से विभिन्न संपत्तियां खरीदीं।
श्रीनगर के पॉश इलाके में संपत्तियां जब्त
ईडी का दावा है कि उसने इफंडी बाग, रावलपोरा, श्रीनगर के पॉश इलाके में शब्बीर शाह की संपत्तियों को जब्त किया है। ये संपत्तियां उसकी पत्नी और बेटी के नाम पर थीं। साल 2005 में उसकी भाभियों ने शाह की पत्नी और बेटियों को ये संपत्तियां तोहफे में दीं। इन संपत्तियों को 1999 में शाह के ससुर ने 1999 में खरीदा था। इन संपत्तियों के बारे में ससुर और भाभियों को लगातार अवसर दिए जाने के बाद भी वे इन संपत्तियों के स्रोत के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। यह भी खुलासा हुआ है कि शब्बीर शाह ही इन संपत्तियों का बेनामी मालिक है। जबकि उसके ससुर ने ये संपत्तियों अघोषित स्रोत से मिले पैसे से खरीदी थीं।