कश्मीर घाटी के युवाओं का हाथ में हथियार और पत्थर देने वाले अलगावादी नेता वहां के युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। जबकि अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाई करा उनका भविष्य उज्जवल बना रहे हैं। इन अलगावादी नेताओं का चेहरा राज्यसभा में गृहमंत्री ने बेनकाब कर दिया है। ये अलगाववादी नेता अपने बच्चों को तमान तरह के ऐशो आराम की जिंदगी मुहैया करा रहे हैं जबकि घाटी के नौजवानों को आतंकवाद के राह पर झोंक रहे हैं।
कश्मीर घाटी के युवाओं का हाथ में हथियार और पत्थर देने वाले अलगावादी नेता वहां के युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। जबकि अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाई करा उनका भविष्य उज्जवल बना रहे हैं। इन अलगावादी नेताओं का चेहरा राज्यसभा में गृहमंत्री ने बेनकाब कर दिया है। ये अलगाववादी नेता अपने बच्चों को तमान तरह के ऐशो आराम की जिंदगी मुहैया करा रहे हैं जबकि घाटी के नौजवानों को आतंकवाद के राह पर झोंक रहे हैं।
ये अलगाववादी नेता शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के वक्त या फिर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर युवाओं को अलगावाद और आतंकवाद की तरफ उकसाते हैं। जबकि अपने बच्चों को इस तरह की गतिविधियों से दूर रखे हुए है। इन दोगले अलगावादी नेताओं के बच्चे विदेशों में आराम की जिंदगी बसर रहे हैं।
कई नेताओं के बच्चे तो कई देशों में नागरिकता मिल गयी है। कुछ वहां पर अच्छी नौकरी भी कर रहे हैं। इन अलगाववादी नेताओं के बच्चे सुख और सुकून की जिंदगी जी रहे हैं, जबकि ये नेता घाटी के बच्चों को हाथ में पत्थर दे रहे हैं और उनका भविष्य चौपट कर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अलगाववादी नेताओं के इस पाखंड का खुलासा किया तो घाटी के युवा भी अब सोचने को मजबूर हो गए हैं। अमित शाह ने साफ कहा कि कश्मीर में जनता को इन नेताओं ने जरूरी सहूलियतों से दूर रखा। ताकि केन्द्र के खिलाफ उनके मन में जहर भरा जा सके। शाह ने कहा कि ये अलगाववादी नेता कश्मीरियत और कश्मीरियों की बात तो करते हैं और वहां के बच्चों के स्कूल बंद कराते हैं।
जबकि सच्चाई ये है कि इन नेताओं के बच्चे विदेशों में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं। इनके परिवार के लोग घाटी से दूर विदेशों में बस गए हैं। जानकारी के मुताबिक 112 अलगाववादी नेताओं के कम से कम 220 बच्चे, रिश्तेदार या करीबी विदेशों में पढ़ रहे हैं या फिर वहां पर शानो शौकत की जिंदगी जी रहे हैं। इसमें हुर्रियत के तमाम बड़े नेता के बच्चे और परिवार के लोग शामिल हैं
विदेशों में रह रहा है गिलानी का पूरा परिवार
नईम गिलानी एक ऐसा नाम जिसे कश्मीर घाटी के कम ही लोगों सुना होगा। लेकिन इसके पिता एसएएस गिलानी को कश्मीर का बच्चा बच्चा जानता है। नईम गिलानी ने पाकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की और अब वह पाकिस्तान में ही डाक्टर की पैक्टिस कर रहा है। जबकि गिलानी की बेटी सऊदी अरब में शिक्षक और दामाद इंजीनियर है। गिलानी के नातिन तुर्की में पत्रकार और दूसरी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
मीरवाइज उमर की बहन रुबिया है डाक्टर
इसी तरह से घाटी में अलगाववादी नेता के तौर पर मीरवाइज उमर फारूख बड़े नेता माने जाते हैं। कश्मीर में युवाओं को अलगाव की तरफ मोड़ने में इनकी बड़ी भूमिका रहती है। इनकी बहन रुबिया फारूख अमेरिका में डाक्टर है।
विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं आसिया के बेटे
कश्मीर में महिला अलगाववादी नेता के तौर पर पहचाने जाने वाली आसिया अंद्राबी का पूरा परिवार विदेशों में ऐश कर रहा है। जबकि अपने भाषणों से वहां के युवाओं को अलगाववाद की तरफ मोड़ रही है। आसिया के खिलाफ एनआईए की जांच चल रही है। आसिया अंद्राबी का एक बेटा मलेशिया में पढ़ रहा है तो दूसरा आस्ट्रेलिया में है। आसिया की बहन मरियम का परिवार मलेशिया में बसा है।
यही नहीं हुर्रियत के महासचिव असरफ सेहरई के दोनों बच्चे खालिद और आबिद असरफ सउदी अरब में नौकरी करते हैं। तो मोहम्मद शफी रेशी का बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है। वहीं अलगाववादी नेता अशरफ लाया की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल तो बिलाल लोन की एक बेटी और दामाद लंदन में बस गए हैं तो दूसरी बेटी आस्ट्रेलिया में पढ़ रही है।
कुछ इसी तरह मोहम्मद यूसुफ मीर की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। वहीं ख्वाजा फिरदौस वानी का बेटा पाकिस्तान में ही मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है तो निसान हुसैन रादर का बेटा और बेटी दोनों ईरान में बसे हैं और बेटी वहीं नौकरी कर रही है।