जेएनयू में फीस वृद्धि और हास्टल की फीस को बढ़ाने को लेकर जेएनयू प्रशासन का छात्रों के साथ विरोध चल रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों को सभी राजनैतिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। जिसके बाद ये आंदोलन अब दिल्ली की सड़कों पर देखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही कि अगर हफ्ते तक इस विवाद का पटाक्षेप हो सकता है।
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में फीस को लेकर पिछले तीन हफ्ते से बना विवाद अब खत्म होने की कगार पर है। एक दिन पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल को तलब कर इस मामले पर रिपोर्ट देने के लिए फटकार लगाई थी। जिसके बाद से ही इस विवाद के खत्म होने की संभावना थी। लेकिन अब जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक अब आंदोलनरत छात्रों को शांत करने के लिए सरकार आंशिक फीस रोलबैक कर सकती है।
जेएनयू में फीस वृद्धि और हास्टल की फीस को बढ़ाने को लेकर जेएनयू प्रशासन का छात्रों के साथ विरोध चल रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों को सभी राजनैतिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। जिसके बाद ये आंदोलन अब दिल्ली की सड़कों पर देखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही कि अगर हफ्ते तक इस विवाद का पटाक्षेप हो सकता है। एक दिन पहले ही केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एचआरडी मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल को तलब किया था और इस विवाद पर रिपोर्ट भी तलब की थी। जानकारी के मुताबिक अमित शाह ने पोखरियाल पर इस मामले को बड़ा विवाद बनाने पर अपनी नाराजगी जताई थी। जिसके बाद से ही इस मामले में कोई फैसला किए जाने की उम्मीद की जाने लगी थी।
फिलहाल माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे छात्रों की दिक्कतों को समझते हुए सोमवार या मंगलवार तक राहत देने की संभावना है। क्योंकि आज शाम को छात्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हॉस्टल मैनुअल पर गठित तीन सदस्यीय समिति और छात्रसंघ समेत आम छात्रों के साथ बैठक आयोजित होगी। जानकारी के मुताबिक सरकार छात्रों को नाराज नहीं करना चाहती है। क्योंकि इस तरह के फैसलों के कारण आंदोलन बड़ा रुप ले लेते हैं और विपक्षी दलों को भी सरकार पर आरोप लगाने का मौका मिल जाता है।