राज्य में विधानसभा परिणाम घोषित के बाद अभी तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका है। 11 नवंबर तक राज्य में सरकार बननी जरूरी है। नहीं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। हालांकि कोई भी दल ये नहीं चारता है। फिलहाल महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना सीएम के पद को लेकर अड़ी हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर लगातार अभी तक स्थिति साफ नहीं है। भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान चल रही है। वहीं शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने के विकल्पों पर भी सोच रही है। वहीं शरद पवार सोनिया गांधी से मिल चुके है। लेकिन सरकार बनाने को लेकर उन्होंने कोई पत्ते नहीं खोले हैं। यही नहीं ऐसा माना जा रहा है कि शरद पवार सरकार बनाने और समर्थन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
राज्य में विधानसभा परिणाम घोषित के बाद अभी तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका है। 11 नवंबर तक राज्य में सरकार बननी जरूरी है। नहीं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। हालांकि कोई भी दल ये नहीं चारता है। फिलहाल महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना सीएम के पद को लेकर अड़ी हैं। हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा था कि शिवसेना को ज्यादा मंत्रालय दिए जा सकते हैं। लेकिन इस फार्मूले पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।
हालांकि इसी बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि संघ प्रमुख शिवसेना प्रमुख से बातचीत कर सकते हैं। क्योंकि वह उद्धव ठाकरे के भी करीबी हैं। कहा जा रहा है कि दोनों के बीच इस मुलाकात के बाद राज्य में सरकार बनाने को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। फड़णवीस ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि इससे पहले देवेन्द्र फणनवीस भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं।
उधर आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार राज्य में सरकार के गठन और उसे समर्थन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि पवार ये कह रहे हैं कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। सोमवार को शरद पवार ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की है। माना जा रहा कि इस बैठक में किसी फैसले पर मुहर लगी है। जिसका ऐलान शरद पवार आज कर सकते हैं।