महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार, तेज हुई सियासी सरगर्मियां

Published : Nov 05, 2019, 07:21 AM IST
महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार, तेज हुई सियासी सरगर्मियां

सार

फिलहाल राज्य के विधानसभा चुनाव नतीजों के 12 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य में सरकार किस दल की बनेगी इसकी तस्वीर साफ नहीं है। शिवसेना मुख्यमंत्री के पद के लिए दावा कर रही है जबकि भाजपा सीएम का पद शिवसेना को देने के पक्ष में नहीं है। हालांकि भाजपा का कहना है कि वह शिवसेना को अहम विभाग के साथ आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम का पद दे सकती है।

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार है। हालांकि राज्य में 9 नवंबर तक सरकार गठन किया जाना जरूरी है। लेकिन कोई भी दल अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने साफ किया है कि उनको जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। लिहाजा वह सरकार नहीं बनाएंगे।

फिलहाल राज्य के विधानसभा चुनाव नतीजों के 12 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य में सरकार किस दल की बनेगी इसकी तस्वीर साफ नहीं है। शिवसेना मुख्यमंत्री के पद के लिए दावा कर रही है जबकि भाजपा सीएम का पद शिवसेना को देने के पक्ष में नहीं है। हालांकि भाजपा का कहना है कि वह शिवसेना को अहम विभाग दे सकती है और इसके साथ ही आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम का पद दे सकती है। हालांकि इसे तरह का प्रयोग भाजपा हरियाणा में कर चुकी है। हालांकि शिवसेना अभी भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं है।

हालांकि इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। वहीं मुंबई में शिवसेना के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इसके साथ ही शरद पवार दिल्ली मे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। शरद पवार ने शिवसेना के साथ हाथ मिलाने की संभावना को खारिज नहीं किया है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस-राकांपा गठबधंन को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है।

राज्य में सरकार बनाने की जिम्मेदारी भाजपा और उसके सहयोगी दलों की है। हालांकि उन्हें ये भी कहा कि भविष्य में क्या होता इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि राज्य में 9 नवंबर तक गठन हो जाना जरूरी है। लिहाजा राज्य में राजनैतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। हालांकि कोई भी दल राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहता है। गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को आए चुनाव परिणाम में भाजपा को 105 सीटों, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। जबकि सरकार के गठन के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।

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