बालासाहेब ठाकरे की भीष्म प्रतिज्ञा को तिलांजलि देगी शिवसेना!

By Team MyNation  |  First Published Nov 11, 2019, 10:49 AM IST

राज्य में शिवसेना को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने का न्योता दिया है और शिवसेना को सोमवार तक सरकार बनानी है। वहीं इसी बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने बयान दिया है कि अगर शिवसेना के पास आंकड़ा न होता तो वह सरकार बनाने का दावा नहीं करते। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर ये भी है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के सीएम बन सकते हैं।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के नए समीकरण बन रहे हैं। चुनावों एक दूसरे के खिलाफ आग उगलने वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राज्य में मिलकर सरकार बनाएगी। इस सरकार को बनाने में कांग्रेस पार्टी उसका साथ देगी। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या शिवसेना अपने संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की भीष्म प्रतिज्ञा को तिलांजलि देकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचेगी। क्योंकि बाला साहेब ठाकरे हमेशा से ही कांग्रेस के खिलाफ थे। 

राज्य में शिवसेना को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने का न्योता दिया है और शिवसेना को सोमवार तक सरकार बनानी है। वहीं इसी बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने बयान दिया है कि अगर शिवसेना के पास आंकड़ा न होता तो वह सरकार बनाने का दावा नहीं करते। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर ये भी है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के सीएम बन सकते हैं। वहीं एनसीपी नेता शरद पवार के भतीजे और राज्य पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं।

हालांकि दोनों ही दलों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। जबकि इन दोनों दलों के बीच कांग्रेस की क्या स्थिति होगी। ये स्पष्ट नहीं है। क्योंकि शिवसेना और कांग्रेस एक दूसरे के बड़े विरोधी रहे हैं। उसके बावजूद राज्य में बनने वाली सरकार में कांग्रेस शामिल होगी। ये एक बड़ा सवाल है। क्योंकि कांग्रेस का एक धड़ा सरकार में शामिल होने की वकालत कर रहा है। जबकि दूसरा धड़ा सरकार में शामिल न होने की तरफदारी कर रहा है। क्योंकि कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि एक छोटे से लाभ के लिए कांग्रेस की छवि राज्य में मौकापरस्त की बन जाएगी। लिहाजा वह बाहर से सरकार को समर्थन दे।

क्योंकि सरकार में शामिल होने पर भाजपा बड़ा मुद्दा बनाएगी। जिसका नुकसान अन्य  राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने पहली बार ठाकरे परिवार के आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि भाजपा ने आदित्यठाकरे को उपमुख्यमंत्री का पद देने की बात कही थी। लेकिन शिवसेना ने भाजपा के इस प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया।

क्या कहा था बालासाहेब ठाकरे ने

शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे पार्टी के गठन के साथ ही ये साफ कर दिया था कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य सक्रिय संसदीय राजनीति नहीं लेगा और न ही सरकार में शामिल होगा। लिहाजा शिवसेना में दूसरे नेता ही सरकार में शामिल होते रहे।

click me!