हुड्डा के सामने झुकी सोनिया, पूर्व सीएम को चुनाव कमेटी और विधायक दल की मिली कमान तो शैलजा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

By Team MyNationFirst Published Sep 4, 2019, 7:15 PM IST
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भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पिछले काफी अरसे से बगावती तेवर अपनाए हुए थे। जिसको लेकर पार्टी पर दबाव बना हुआ था। हुड्डा ने 18 अगरस्त को रोहतक में रैली कर कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत का एहसास कराया था। जिसमें हरियाणा के 13 विधायकों ने हिस्सा लिया था। हुड्डा ने अशोक तवंर के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था।

नई दिल्ली। कांग्रेस आलाकमान को आखिरकार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के सामने झुकना ही पड़ा। आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हुड्डा को चुनाव कमेटी का प्रमुख और विधायक दल का नेता बनाकर राज्य में चल रहे विवाद का पटाक्षेप किया। वहीं सोनिया गांधी ने कुमार शैलजा को हरियाणा प्रदेश कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पिछले काफी अरसे से बगावती तेवर अपनाए हुए थे। जिसको लेकर पार्टी पर दबाव बना हुआ था। हुड्डा ने 18 अगरस्त को रोहतक में रैली कर कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत का एहसास कराया था। जिसमें हरियाणा के 13 विधायकों ने हिस्सा लिया था। हुड्डा ने अशोक तवंर के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था। हुड्डा और तंवर समर्थकों में एक बार जमकर मारपीट भी हो चुकी है। जिसके बाद तंवर ने हुड्डा और उनके समर्थकों पर एफआईआर कराई थी। तंवर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।

फिलहाल कांग्रेस पूर्व सीएम और दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने पार्टी झुक गई है। पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए और हुड्डा की मांग को मानते हुए अशोक तवंर को राज्य अध्यक्ष से पद से हटा दिया है। वहीं हुड्डा को विधायक दल के नेता के साथ चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

हुड्डा विधानसभा में किरण चौधरी का स्थान लेंगे। जिन्हें इनेलो में हुई फूट के बाद कांग्रेस के विपक्ष में बड़ा दल बनने के बाद विधायक दल का नेता चुना गया था। जिसके बाद ये तय हो गया है कि विधानसभा चुनाव में हुड्डा का भी दखल रहेगा। वहीं पार्टी ने हरियाणा काग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा नियुक्त किया है।

जानें हैं शैलजा

शैलजा को हरियाणा में कांग्रेस का दलित चेहरा माना जाता है और वह यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। शैलजा चार बार सांसद रह चुकी हैं वह दो बार सिरसा से और दो बार अंबाला से सांसद रही हैं। शैलजा की पार्टी प्रति वफादारी को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था। शैलजा को सोनिया गांधी का करीबी भी माना जाता है।
 

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