घोटालों के आरोपी रॉबर्ट वाड्रा सिखा रहे हैं वित्त मंत्री अरुण जेटली को संस्कार

By Team MyNation  |  First Published Apr 9, 2019, 3:31 PM IST

हाल ही में पत्रकारों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पत्रकारों ने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव प्रचार के बारे प्रश्न किया तो उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि  'मुझे नहीं पता कि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे या फिर बीजेपी के लिए।' जिसके बाद रॉबर्ट वाड्रा ने अपने साथ जेटली काएक पुराना फोटो शेयर करके उन्हें पारिवारिक संस्कार चरित्र जैसे भारी भरकम शब्दों के साथ उन्हें ज्ञान देने की कोशिश की। लेकिन प्रश्न यह है कि कई तरह के घोटालों के आरोप में अदालत और सरकारी एजेन्सियों का चक्कर काट रहे रॉबर्ट वाड्रा आखिर किस मुंह से चरित्र और संस्कार की दुहाई दे रहे हैं। 

नई दिल्ली: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा इन दिनों अदालत और ईडी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। उनसे कई तरह के घोटालों के बारे में पूछताछ की जा रही है। हालात ऐसे हैं कि लगता है अदालत कभी भी उनकी जमानत रद्द करके जेल भेज सकती है। 

लेकिन वाड्रा की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। इन हालातों में भी वह ‘चरित्र, संस्कार और पारिवारिक मूल्य’ जैसे विषयों पर दूसरों को ज्ञान देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को संस्कार सिखाने की कोशिश करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट डालते हुए कुछ फोटो लगाई। जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रियंका, रॉबर्ट और राहुल गांधी किसी मैच के दौरान चीयर करते हुए दिख रहे हैं।  

'व्यक्ति को हर परिस्थिति में सम्मान को बनाए रखना चाहिए। यह चरित्र की ताकत को दिखाता है जो कि मुझे अपने माता-पिता द्वारा खेल में सिखाया गया था। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ही किसी व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ बनाती है और लोगों को न्याय दिलाती है। भारत के लोगों को जो उज्जवल भविष्य चाहिए उसके लिए मेरी शुभकामनाएं।'

दरअसल रॉबर्ट वाड्रा ने जेटली के उस आरोप का जवाब देने की कोशिश की। जिसमें उन्होंने कहा था कि 'मुझे नहीं पता कि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे या फिर बीजेपी के लिए'। 

लेकिन वित्त मंत्री को जवाब देते हुए रॉबर्ट वाड्रा यह भूल गए थे कि जो शख्स जेल जाने की कगार पर खड़ा हो उसे चरित्र, संस्कार और पारिवारिक मूल्य पर ज्ञान देने का अधिकार कतई नहीं है। 
 

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