पटना साहिब में अंतिम चरण, 19 मई को मतदान होना है। लेकिन बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा फिलहाल लखनऊ में अपनी पत्नी और समाजवादी की प्रत्याशी पूनम सिन्हा के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। जिसको लेकर कांग्रेस में खासी नाराजगी है। एक दिन पहले ही शत्रुघ्न सिन्हा ने बयान दिया था कि अखिलेश यादव में उन्हें देश का भविष्य दिखता है। इस बयान को लेकर भी स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के नेताओं में गुस्सा है।
कांग्रेस में रहकर कांग्रेस के प्रत्याशी के खिलाफ लखनऊ में रह कर चुनाव प्रचार कर रहे शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर हालांकि पार्टी में नाराजगी चल रही है। लेकिन जिस समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के लिए वह लखनऊ में प्रचार कर रहे हैं, उसी पार्टी के नेता भी पटना साहिब में शत्रुघ्न सिन्हा का प्रचार करेंगे। शत्रुघ्न सिन्हा की रैलियों के लिए एसपी प्रमुख की पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव पहुंचेंगी। लेकिन लखनऊ से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और उनकी धर्म पत्नी पूनम सिन्हा भी प्रचार के लिए पटना साहिब में रहेंगी।
पटना साहिब में अंतिम चरण 19 मई को मतदान होना है। लेकिन बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा फिलहाल लखनऊ में अपनी पत्नी और समाजवादी की प्रत्याशी पूनम सिन्हा के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। जिसको लेकर कांग्रेस में खासी नाराजगी है। एक दिन पहले ही शत्रुघ्न सिन्हा ने बयान दिया था कि अखिलेश यादव में उन्हें देश का भविष्य दिखता है। इस बयान को लेकर भी स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के नेताओं में गुस्सा है। फिलहाल लखनऊ में शॉटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम के चुनाव प्रचार को उतारा है। ऐसे में पूनम की जीत की अपील कर उन्होंने भाजपा के साथ कांग्रेस को भी हराने की अपील कर डाली।
फिलहाल बिहार में कांग्रेसी शत्रुघ्न का अंदाज वहां के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है। क्योंकि बिहार में राहुल गांधी उन्हें बेहतर प्रधानमंत्री दिखाई देते हैं तो लखनऊ पहुंच में वह अखिलेश यादव और मायावती की तारीफ कर रहे हैं। जबकि दोनों नेताओं ने यूपी में बने गठबंधन में कांग्रेस को जगह तक नहीं दी। हालांकि लखनऊ में एसपी कार्यकर्ता शत्रुघ्न सिन्हा के प्रचार पर काफी खुश हैं और वो खासतौर से कायस्थ और मुस्लिम इलाकों में पूनम सिन्हा को जिताने की अपील कर रहे हैं। हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस को कोसने से बच रहे हैं, लेकिन केन्द्र की नीतियों को कोसते कोसते वह कांग्रेस का विरोध करने से नहीं चूक रहे हैं।