यूपी में छह महीने बाद खुले स्कूल, सेनेटाइज व थर्मल स्क्रीनिंग के बाद छात्रों को मिला प्रवेश

By Team MyNation  |  First Published Oct 19, 2020, 2:48 PM IST

असल में राज्य के कई स्कूलों में आज से कक्षाएं शुरू हो गई हैं और स्कूलों में परीक्षा जारी है। जिसके बाद छात्र और छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर बैठाया गया है। वहीं, स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों के हाथ सेनेटाइज किए गए और थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई।

लखनऊ। कोरोना संकटकाल में केन्द्र  सरकार के नियमों के तहत आज उत्तर प्रदेश में स्कूल खुल गए हैं। राज्य में कोरोना लॉकडाउन के चलते करीब 6 महीने बाद आज से कक्षा 9 से 12 तक के लिए स्कूल खुल गए हैं। हालांकि स्कूलों में छात्र और छात्राओं की उपस्थिति काफी कम रही। वहीं स्कूलों में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने आदेश दिया है। राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।

असल में राज्य के कई स्कूलों में आज से कक्षाएं शुरू हो गई हैं और स्कूलों में परीक्षा जारी है। जिसके बाद छात्र और छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर बैठाया गया है। वहीं, स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों के हाथ सेनेटाइज किए गए और थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई। फिलहाल सरकार ने स्कूल दो पालियों में खोलने का फैसला किया है। इसके तहत सुबह 8.50 से दोपहर 11.50 तक  कक्षा 9 व 10 और 12.20 से 3.20 तक ही चलेंगी।  

वहीं स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों की सहमति पत्र के साथ छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया है। आज सुबह की पहली पाली की शुरुआत 8:45 बजे से हुई।  वहीं लखनऊ में पहले दिन आज स्कूलों एक ही गेट पर ही छात्रों की सैनिटाइजिंग की व्यवस्था की थी। जानकारी के मुताबिक लखनऊ के नेशनल कॉलेज में भी कम संख्या में छात्र पहुंचे जबकि कैथेड्रल स्कूल में पहले दिन 17 बच्चे पहुंचे। मुरादाबाद से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूलों में बच्चों के स्वागत में रंगोली से साज सज्जा की गई थी।

जबकि शिक्षा विभाग के अफसरों की तरफ से प्रिंसिपल ओर बच्चों को जागरूक किया और दिशा-निर्देश दिए। स्कूलों बच्चों व शिक्षकों का ब्ल्डप्रेशर भी चेक किया गया साथ ही उन्होंने कोरोना के बारे में जानकारी दी गई। जबकि वाराणसी के आर्य महिला इंटर कॉलेज में छात्रा और छात्राओं के हाथ सेनेटाइज किए गए व थर्मल स्क्रीनिंग भी की  गई।  वहीं राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक बच्चे अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल आ रहे हैं और बच्चों को स्कूल आने  के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। नियमों के मुताबिक एक कक्षा के केवल 50 फीसदी विद्यार्थी ही बुलाए जाएंगे। 
 

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