रुक्मणि रियार भले ही आज आईएएस हों, पर स्कूल के दिनों में वह छठी क्लास में फेल हो गई थीं। पर उन्होंने खुद पर हार को कभी हावी नहीं होने दिया। पहले ही प्रयास में यूपीएससी में दूसरी रैंक आई थी।
जयपुर। राजस्थान में करीबन 41 दिन बाद मतदान होना है, आचार संहिता लागू है। इसी दरम्यान प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कलेक्टर फैसला ले रहे हैं। उनका मकसद जिले के ला एंड आर्डर को बनाए रखना है। हनुमानगढ़ जिले की कलेक्टर रुक्मणि रियार एक आदेश जारी कर चर्चा में आ गई हैं। उन्होंने लाउडस्पीकर पर बैन लगाया है। लाउडस्पीकर पर बैन लगाने का आदेश जारी कर रूक्मिणी सुर्खियों में छा गई हैं। आइए आपको इनके बारे में डिटेल में बताते हैं।
आईएएस रूक्मिणी की पंजाब से हुई शुरुआती पढ़ाई
रुक्मणि रियार का जन्म पंजाब में हुआ। शुरुआती पढ़ाई भी वहीं हुई। आज भले ही वह कलेक्टर हों। पर स्कूल के दिनों में वह छठी क्लास में फेल हो गई थीं। उनके पैरेंट्स बोर्डिंग स्कूल में डालने की बात कह कर उन्हें डराते थे। इसका उन पर इतना दबाव पड़ा था कि उनका छठी क्लास का रिजल्ट ठीक नहीं आया। पर उन्होंने छठी कक्षा के नतीजों को खुद पर हावी नहीं होने दिया और पढ़ाई की दिशा में लगातार आगे बढ़ती रहीं।
यूपीएससी में मिली थी दूसरी रैंक
रूक्मिणी की 12वीं तक की पढ़ाई पंजाब से हुई और आगे की पढ़ाई के लिए वह मुंबई गईं। वहां उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की। उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। सामाजिक कार्यों में रूचि की वजह से कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़ीं और उसी दौरान यूपीएससी में अपनी किस्मत आजमाई। पहले ही प्रयास में उन्हें दूसरी रैंक हासिल हुई थी। रुक्मिणी का कहना है कि जब हम कुछ करने के बारे में सोच लेते हैं तो उसका असर हमारे उपर पड़ता है। हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस खुद मजबूत हो जाता है। हमें सिर्फ उसे सही तरीके से काम में लेने की जरुरत होती है।