आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

By Team Mynation  |  First Published Sep 26, 2018, 11:34 AM IST

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण देना जरूरी नहीं है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा कि नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था, इसलिए इस पर फिर से विचार करना जरूरी नहीं है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले को दोबारा 7 जजों की पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण देना जरूरी नहीं है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा कि नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था, इसलिए इस पर फिर से विचार करना जरूरी नहीं है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले को दोबारा 7 जजों की पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये साफ है कि नागराज फैसले के मुताबिक डेटा चाहिए। लेकिन राहत के तौर पर राज्य को वर्ग के पिछड़ेपन और सार्वजनिक रोजगार में उस वर्ग के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता दिखाने वाला मात्रात्मक डेटा एकत्र करना जरूरी नहीं है। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों की दलील स्वीकार की हैं। 

पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने एकमत सुनाया फैसला

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि एससी-एसटी कर्मचारियों को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारों को एससी-एसटी के पिछड़ेपन पर उनकी संख्या बताने वाला आंकड़ा इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है।

शीर्ष अदालत ने 2006 के अपने फैसले में तय की गई उन दो शर्तों पर टिप्पणी नहीं की जो तरक्की में एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता और प्रशासनिक दक्षता को नकारात्मक तौर पर प्रभावित नहीं करने से जुड़े थे।

न्यायालय ने यह फैसला उन अर्जियों पर सुनाया जिसमें मांग की गई थी कि सात सदस्यों की पीठ 2006 के उस फैसले पर फिर से विचार करे जिसमें एससी-एसटी कर्मचारियों को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण का लाभ दिए जाने के लिए शर्तें तय की गई थीं।

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