पीएम मोदी के खिलाफ बनाए गए चुनावी नारे के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराजगी का सामना करना पड़ा है। अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए उसने हलफनामा दायर करके माफी मांगने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार यानी 6 मई को होगी।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी से इस बात पर नाराज दिखा कि उन्होंने चौकीदार चोर है के अपने चुनावी नारे पर मात्र खेद प्रकट किया है। अदालत ने उनसे हलफनामा दायर करके माफी मांगने का आदेश दिया है।
अदालत ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि क्या सिर्फ खेद प्रकट करने के लिए 22 पन्ने का हलफनामा दायर किया जाता है। अदालत की फटकार के बाद सिंघवी ने अदालत से माफी मांगी।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच कर रही है। अदालत इस बात से बेहद नाराज हुई कि राहुल गांधी ने अपने दूसरे हलफनामे में खेद शब्द को कोष्ठक में लिखा था।
अदालत ने अदालत में पेश राहुल गांधी के वकील से पूछा कि आपने हमारे हवाले से जो चुनावी नारा(चौकीदार चोर है) का नारा दिया था। वह हमने कहां और कब कहा था।
जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने कोष्ठक में लिखे खेद शब्द पर आपत्ति जताई। जिसके बाद सिंघवी ने माफी मांगते हुए अदालत से कहा कि वह अगले सोमवार यानी 6 मई को एक दूसरा हलफनामा दाखिल करेंगे। जिसमें राहुल गांधी की ‘माफी’ शामिल होगी।
उधर याचिका दाखिल करने वाली बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत का ध्यान इस तरफ दिलाया कि राहुल गांधी अदालत को दिए हलफनामे में जो कहते हैं, उसका तुरंत उल्लंघन भी कर देते हैं।
रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने अदालत में हलफनामा दायर करने के तीन घंटे के बाद आयोजित हुई एक रैली में फिर से वही विवादित नारा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने सियासी फायदे के लिए अदालत को मोहरा बनाया है।