​तमिलनाडु CM स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्‍टालिन बोले-सनातन धर्म मलेरिया-डेंगू जैसा, कर देना चाहिए खत्‍म

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Sep 3, 2023, 12:08 AM IST

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा है कि सिर्फ इसका विरोध ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि सनातन धर्म को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सियासी हलको में भूचाल आ गया है।

चेन्नई। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा है कि सिर्फ इसका विरोध ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि सनातन धर्म को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सियासी हलको में भूचाल आ गया है। बीजेपी के अमित मालवीय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि द्रमुक कांग्रेस का सहयोगी है। क्या मुंबई की बैठक में इसी पर सहमति बनी थी? वह सनातन धर्म को मानने वाली 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहा है।

​तमिलनाडु में आयोजित "सनातन उन्मूलन सम्मेलन" में बोले उदयनिधि

दरअसल, तमिलनाडु में सनातन धर्म को समाप्त करने लिए "सनातन उन्मूलन सम्मेलन" आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में बड़े-बड़े नेता शामिल हुए थे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उदयनिधि ने सम्मेलन का नाम "संनातन उन्मूलन सम्मेलन" रखने की सराहना की। यह भी कहा कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता। उन्हें समाप्त कर देना चाहिए। जिस तरह हम मलेरिया, डेंगू या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, उसे मिटाना ही है। ठीक उसी तरह हमें सनातन को मिटा देना है। 

 

I never called for the genocide of people who are following Sanatan Dharma. Sanatan Dharma is a principle that divides people in the name of caste and religion. Uprooting Sanatan Dharma is upholding humanity and human equality.

I stand firmly by every word I have spoken. I spoke… https://t.co/Q31uVNdZVb

— Udhay (@Udhaystalin)

 

समानता और सामाजिक न्याय के विरूद्ध है सनातन

उदयनिधि ने आगे कहा कि संस्कृत से सनातन नाम आया है, जो समानता और सामाजिक न्याय के विरूद्ध है। इसका अर्थ अपरिवर्तनीय होता है। हमें यह सब कुछ चेंज करना होगा। अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से बीजेपी के अमित मालवीय को जवाब देते हुए लिखा है कि मैं ने सनातन धर्म का पालन करने वालों के नरसंहार का आह्वान कभी भी नहीं किया। बल्कि सनातन धर्म ऐसा है, जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों के बीच भेद पैदा करता है। मानवता और समानता के लिए इसे उखाड़ना है। 

अदालत में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार

उदयनिधि ने यह भी कहा कि मैं अपने हर शब्द पर कायम हूॅं। सनातन धर्म के कारण पीड़ित लोगों की तरफ से बात की। उससे समाज पर पड़ने वाले निगेटिव प्रभाव पर पेरियार और आंबेडकर के लेखन को किसी भी मंच पर प्रस्तुत करने को रेडी हूॅं। उन्होंने पूर्व में दिए गए अपने भाषण के अहम अंश को अपने एक्स हैंडल पर दोहराते हुए फिर लिखा कि मच्छरों से मलेरिया, डेंगु आदि रोग फैलने की तरह सनातन धर्म कई सामाजिक बुराईयों के लिए जिम्मेदार है। मैं अदालत या जनता की अदालत में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए रेडी हूॅं। 

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