आजाद और तिलक की जयंती पर तेज प्रताप और कमलनाथ ने किया अर्थ का अनर्थ


क्या हो  जाएगा अगर हमारे देश के नेताओं को चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह में अंतर नहीं मालूम? क्या हो जाएगा अगर हमारे देश के नेताओं को जयंती और पुण्यतिथि के बीच अंतर नहीं मालूम हैं? एक तरफ हैं लालू यादव के पुत्र और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव। तो दूसरे नेता हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ। 

Tej Pratap confuses Azad with Bhagat Singh; Kamal Nath mixes up birth and death anniversaries


क्या हो  जाएगा अगर हमारे देश के नेताओं को चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह में अंतर नहीं मालूम? क्या हो जाएगा अगर हमारे देश के नेताओं को जयंती और पुण्यतिथि के बीच अंतर नहीं मालूम हैं? एक तरफ हैं लालू यादव के पुत्र और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव। तो दूसरे नेता हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ। 
“मैं आजाद हूँ, आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूंगा” यह नारा था भारत की आजादी के लिए अपनी जान को कुर्बान कर देने वाले देश के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का। चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। मात्र 24 साल की उम्र जो युवाओं के लिए जिंदगी के सपने देखने की होती है उसमें चन्द्रशेखर आजाद अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए। 

Tej Pratap confuses Azad with Bhagat Singh; Kamal Nath mixes up birth and death anniversaries

लेकिन बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव ने ट्विटर पर चंद्रशेखर आजाद को नमन तो किया, लेकिन अज्ञानता के कारण उन्होंने चंद्रशेखर आजाद की जगह भगत सिंह का फोटों ट्विट कर दिया। तेज प्रताप के ट्वीट करते ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरु कर दिय तब जाकर उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया। वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ है जिन्होंने बाल गंगाधर तिलक की जयंती को पुण्यतिथि बाताते हुए ट्विटर पर पोस्ट कर दिया। अपनी गलती का एहसास होते ही उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया लेकिन तब तक उनकी यह गलती लोगों के नजरों में आ चुकी थी।   

लेकिन इन सब के बीच इन दोनों ने जो किया वह बहुत ही गंभीर है। एक तरफ तेज प्रताप अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। बिहार की राजनीति में अपने भाई के साथ मुख्यमंत्री पद के प्रतिद्वंदी है। वहीं कमलनाथ को राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना रखा है। वह इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल है। फिर भी इन दोनों ने ऐसी गलती की जो साधारणतया स्कूल जाने वाले बच्चे भी नहीं करते। यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि परिवारवाद के कारण इस तरह के नेता हमारा प्रतिनिधित्व करतें हैं। 
 

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