ताबड़तोड़ मुठभेड़ों से बौखलाए आतंकवादी स्नाइपर से सुरक्षा बलों को बना रहे निशाना

By Gursimran SinghFirst Published Oct 28, 2018, 3:32 PM IST
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कुलगाम में हुए एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। ये जिले में जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर माने जाते थे। इसके बाद से जैश द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं में तेजी आ गई है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे सेना के ताबड़तोड़ ऑपरेशन से आतंकी बौखला गए हैं। अब सुरक्षा बलों को स्नाइपर द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। कुलगाम में एक मुठभेड़ के दौरान आतंकियों द्वारा किए गए विस्फोट में सात स्थानीय नागरिकों की मौत के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराते हुए आतंकी संगठनों ने बदला लेने की बात कही है। 

जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान जारी कर कहा कि वे कश्मीर के स्थानीय लोगों की मौत का बदला सुरक्षा बलों को स्नाइपर द्वारा निशाना बनाकर लेंगे। 

दरअसल, कुलगाम में हुए एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। ये जिले में जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर माने जाते थे। इसके बाद से जैश द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं में तेजी आ गई है। इस आतंकी संगठन की ओर से अब तक चार बार सुरक्षा बलों को स्नाइपर की मदद से निशाना बनाया गया। इन हमलों में तीन जवान शहीद हो चुके हैं। 

26 अक्टूबर की देर रात को आतंकियों ने कश्मीर के बाहरी इलाके में एक पावर ग्रिड की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवान को निशाना बनाया और आतंकियों के स्नाइपर हमले में सीआईएसफ के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई। इससे पहले, 25 अक्टूबर को आतंकियों द्वारा 42 आरआर को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में सेना का एक जवान शहीद हो गया था। वहीं 21 अक्टूबर को कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने स्नाइपर से सीआरपीएफ के एक जवान को निशाना बनाया था।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'माय नेशन' को बताया कि आतंकी सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका में बनी एम 4 कार्बाइन कोल्ट स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकी हमलों में प्रयोग हो रही ऐसी ही राइफल सुरक्षा बलों ने आतंक के आका अजहर मसूद के भतीजे से कुछ समय पहले पुलवामा से बरामद की थी। उन्होंने बताया कि यह राइफल पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका बॉर्डर के रास्ते कश्मीर में पहुंचाते हैं, आतंकी संगठन जिनका उपयोग सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं।

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