उपचुनाव होंगे महागठबंधन की असल परीक्षा, सीटों पर फंसा है पेंच

By Team MyNation  |  First Published Sep 15, 2019, 11:09 AM IST

पांच विधानसभा की सीटों पर कांग्रेस की निगाह है और वह इनमें से तीन सीटों पर अपना दावा कर रही है। जबकि राजद पांच में से चार सीटों का दावा कर रहा है। वहीं एक लोकसभा सीट भी इन दलों में कोई सहमति बनने के आसार नहीं हैं। इसके साथ ही तीन अन्य दल भी अपने अपने दावें कर रहे हैं।

पटना। लोकसभा चुनाव में बिहार में विपक्षी दलों को मिली हार के बाद महागठबंधन बिखर गया है। लेकिन विपक्षी दल एक बार फिर राज्य में होने वाले उपचुनावों के जरिए फिर महागठंधन को सक्रिय करना चाहते हैं। लिहाजा राज्य में पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में इसके जरिए उतरना चाहते हैं। लेकिन इन दलों के बीच असल परीक्षा सीटों के बंटवारे को लेकर है। जिसमें सभी दल अपने अपने दावे कर रहे हैं।

पांच विधानसभा की सीटों पर कांग्रेस की निगाह है और वह इनमें से तीन सीटों पर अपना दावा कर रही है। जबकि राजद पांच में से चार सीटों का दावा कर रहा है। वहीं एक लोकसभा सीट भी इन दलों में कोई सहमति बनने के आसार नहीं हैं। इसके साथ ही तीन अन्य दल भी अपने अपने दावें कर रहे हैं। हालांकि बिहार में लोकसभा चुनाव के बाद महागठबंधन बिखर गया है।

लोकसभा चुनाव में सभी ने राजद नेता तेजस्वी यादव को अपना नेता मानते हुए चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस को महज एक सीट मिली जबकि राजद और अन्य क्षेत्रीय दलों का खाता भी नहीं खुल पाया था। जिसके बाद जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव को अपना नेता मानने से इंकार कर दिया था। वहीं कांग्रेस का कहना था कि महागठबंधन के लिए फिर से नेता चुना जाना चाहिए।

असल में राज्य की जिन छह सीटों पर उपचुनाव होना है, वह सीटें विधायकों के सांसद बन जाने के बाद रिक्त हुई हैं वहीं लोकसभा की सीट समस्तीपुर से लोजपा के सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद खाली हुई है। किशनगंज से कांग्रेस के विधायक मो. जावेद लोकसभा पहुंचे हैं तो बांका की बेलहर सीट से विधायक गिरधारी यादव, नाथ नगर से अजय मंडल, सिमरी बख्तियारपुर से दिनेशचंद्र यादव और दरौंदा से कविता सिंह अब सांसद बन चुकी हैं। जिसके बाद ये सीटें खाली हुई हैं।

हालांकि ये तय नहीं हुआ है कि सीटों का बंटवारा महागठबंधन में किस तरह होगा। क्योंकि कांग्रेस का दावा है कि किशनगंज सीट पिछले विधानसभा चुनाव में उसने जीती थी। लिहाजा इस सीट पर उसका हक बनता है। वहीं इसके अतिरिक्त कांग्रेस की नजर नाथनगर सीट पर भी है।

वहीं लोकसभा चुनाव हुए सीटों के बंटवारे में समस्तीपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के ही खाते में आई थी। जिसके लिए कांग्रेस अपना दावा कर रही है। जबकि राजद चार विस सीटों पर दावा कर रहा है। उसका कहना है कि कांग्रेस को एक विधानसभा और लोकसभा सीट दी जा सकती है। उधर महागठबंन से अन्य सहयोगी हम और रालोसपा भी एक-एक सीट की उम्मीद लगाए हुए हैं।

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