देश है कोरोना संकट में है, लेकिन पड़ोसी का धर्म निभाना नहीं भूला भारत

By Team MyNation  |  First Published Mar 28, 2020, 12:05 PM IST

भारत हमेशा ही अपने पड़ोसी देशों को मदद करता आया है। लिहाजा कोरोना संकट के बीच भारत ने पहले मालदीव की मदद की। पहले भारत ने चीन से कई मालदीव के नागरिकों को निकाला और उसके बाद मालदीव को मेडिकल मदद पहुंचाई। वहीं अब नेपाल की मदद के लिए भारत आगे हैं। नेपाल भारत का सबसे पुराना मित्र राष्ट्र है और भारत हमेशा नेपाल की मदद के लिए आगे आता है।

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संकट बरकरार है। देशभर में लगातार कोरोना वायरस के  केस बढ़ते हैं। जिसको लेकर डाक्टरों और चिकित्सा उपकरण की सख्त जरूरत है। लेकिन देश के सामने खड़े संकट के बीच भारत अपना पड़ोसी धर्म निभाना नहीं भूला। पहले मालदीव को भारत ने चिकित्सा मदद पहुंचाई वहीं अब नेपाल के लिए भारत ने 14 सदस्यीय टीम को भेजने की तैयारी में है।

भारत हमेशा ही अपने पड़ोसी देशों को मदद करता आया है। लिहाजा कोरोना संकट के बीच भारत ने पहले मालदीव की मदद की। पहले भारत ने चीन से कई मालदीव के नागरिकों को निकाला और उसके बाद मालदीव को मेडिकल मदद पहुंचाई। वहीं अब नेपाल की मदद के लिए भारत आगे हैं। नेपाल भारत का सबसे पुराना मित्र राष्ट्र है और भारत हमेशा नेपाल की मदद के लिए आगे आता है। लिहाजा नेपाल में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए डॉक्टरों की टीम भेजेगा भारत 14 सदस्यीय मेडिकल टीम को सहायता करने के लिए मालदीव भेजा गया था।

फिलहाल इस महामारी से निपटने में सहायता करने के लिए नेपाल में एक त्वरित प्रतिक्रिया दल भेजने के लिए तैयार है। इस टीम में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर शामिल होंगे .  एएफएमएस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी के मुताबिक कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए नेपाल में एक त्वरित प्रतिक्रिया दल भेजने के लिए तैयार है। इससे पहले सैन्य चिकित्सा कोर की 14 सदस्यीय मेडिकल टीम मालदीव को चिकित्सीय मदद पहुंचा चुकी है।

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