पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने प्रदर्शनकारियों द्वारा स्कूल में तोड़फोड़ किये जाने और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के बाद इस मामले में गंभीर चिंता जतायी है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब ईश निंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया हो। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक स्कूल में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रधानाचार्य के खिलाफ वहां पर एक छात्र ने ईशनिंदा का मामला दर्ज किया है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जगजाहिर है। अब पाकिस्तान में एक हिंदू प्रधानाचार्य पर ईशनिंदा का केस दर्ज किया है। जिसके बाद सिंध प्रांत में दंगे भड़क गए हैं और हिंदूओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
वहीं पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने प्रदर्शनकारियों द्वारा स्कूल में तोड़फोड़ किये जाने और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के बाद इस मामले में गंभीर चिंता जतायी है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब ईश निंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया हो।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक स्कूल में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रधानाचार्य के खिलाफ वहां पर एक छात्र ने ईशनिंदा का मामला दर्ज किया है। सिंध प्रांत में बहुसंख्यकों ने अल्पपसंख्यकों को निशाना बना शुरू कर दिया है। स्कूल के एक के पिता अब्दुल अजीज राजपूत ने सिंध पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग का कहना है कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सिंध प्रांत के घोटकी में पुलिस क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर काबू कर रही है। लेकिन अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं।
वहीं पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता रमेश कुमार वांकवानी ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले निराशाजनक हैं और कथित तौर पर प्रधानाचार्य पर आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। उसके बावजूद अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों के निशाने पर हैं।