लटक रही है ठाकरे सरकार पर तलवार, कांग्रेस दे सकती है झटका

By Team MyNationFirst Published May 27, 2020, 1:10 PM IST
Highlights

कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में पल-पल बदलाव देखने को मिल रहे है। राज्य में सियासी उठापठक जारी है और भाजपा लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार राज्य में कोरोना संकट को दूर करने में विफल रही है। वहीं राज्य सरकार की मुश्किलें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बढ़ा दी हैं।

मुंबई। महाराष्ट्र में छह महीने पुराने उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार पर खतरा मंडराता  दिख  रहा है। हालांकि सरकार की तरफ से बार बार ये बयान दिया जा रहा है कि किसी तरह का खतरा नहीं है।  लेकिन राज्य में चल रही सियासी उठापटक के बीच नेताओं के मिलने और बातचीत करने का दौर शुरू हो गया है। वहीं राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने सरकार को बचाने की कोशिशों के बीच सहयोगी दलों के  ननेताओं की बैठक बुलाई है। वहीं राज्य में कोरोना के बिगड़ते हालात के बाद विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति  शासन लगाने की मांग की है।


कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में पल-पल बदलाव देखने को मिल रहे है। राज्य में सियासी उठापठक जारी है और भाजपा लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार राज्य में कोरोना संकट को दूर करने में विफल रही है। वहीं राज्य सरकार की मुश्किलें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बढ़ा दी हैं।  चर्चा है कि राहुलगांधी महाराष्ट्र सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज हैं। वहीं राहुल गांधी का ये बयान भी अहम माना जा रहा है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि वह राज्य में सहयोगी दल है।  

लेकिन फैसले लेने को लेकर कांग्रेस की राज्य में कोई भूमिका नहीं है। हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा मानता है कि राज्य में उद्धव सरकार कोरोना का सामना करने में नाकाम साबित हुई है और अगर राज्य में ऐसा ही रहा तो राज्य में कांग्रेस को इससे नुकसान हो सकता है। हालांकि राज्य सरकार को लेकर कांग्रेस के नेता भी नाराज हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले संजय निरूपम तो राज्य की ठाकरे सरकार के खिलाफ खुलकर बयान दे रहे हैं। माना जा रहा है कि राहुल  गांधी को निरूपम ने ही राज्य सरकार की प्रणाली को लेकर जानकारी दी है। हालांकि एक धड़ा  सरकार में बने रहने को लेकर ज्यादा उत्सुक है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस के कई विधायक मंत्री हैं  और वह किसी भी तरह कुर्सी से दूर नहीं रहना  चाहते हैं।

पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाक़ातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद ये माना जा रहा है कि राज्य में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर सहयोगी दल नाराज हैं। वहीं राहुल गांधी के बयान से भी साफ हो गया है कि कांग्रेस अब राज्य में ठाकरे सरकार के साथ गठबंधन में नहीं रहना चाहती है। लिहाजा अब ठाकरे और शिवसेना का पूरा जोर सरकार को बचाने को लेकर है।  वहीं शिवसेना के साथ एनसीपी भी खड़ी नजर आ रही है। एनसीपी नेता शरद पवार राज्यपाल से लेकर ठाकरे मुलाकात कर चुके हैं और कांग्रेस के  नेता भी शरद पवार से मिल चुके हैं।

click me!