कांग्रेस नेताओं के बोल, शिवसेना की खोल रहे हैं पोल

महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार की मुश्किलें कांग्रेस पार्टी के नेता ही बढ़ा रहे हैं। हालांकि  कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मंत्रियों के बयानों पर लगाम लगाने के लिए सरकार समन्वय समिति का गठन करेगी। इसमें ये तय किया जाएगा कि राज्य के मंत्रियों को किस तरह के बयानों से बचना चाहिए। लेकिन उसके बावजूद राज्य में शिवसेना की मुश्किलें सहयोगी दल ही बढ़ा रहा हैं। 

The words of Congress leaders, Shiv Sena is opening its poll

मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार विपक्षी दलों ही नहीं बल्कि सहयोगी दलों के बयानों से मुश्किल में है। कांग्रेस ने एक बार फिर शिवसेना को मुश्किल में डाल दिया। जब राज्य के पूर्व सीएम और उद्धव सरकार में मंत्री अशोक चाव्हाण ने इस बात का खुलासा किया कि राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस को लिखित आश्वासन दिया है। चाव्हाण इससे पहले कह चुके हैं कि राज्य में सरकार बनाने के लिए मुस्लिमों से पूछा गया था और उसके बाद ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई गई थी।

The words of Congress leaders, Shiv Sena is opening its poll

महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार की मुश्किलें कांग्रेस पार्टी के नेता ही बढ़ा रहे हैं। हालांकि  कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मंत्रियों के बयानों पर लगाम लगाने के लिए सरकार समन्वय समिति का गठन करेगी। इसमें ये तय किया जाएगा कि राज्य के मंत्रियों को किस तरह के बयानों से बचना चाहिए।

लेकिन उसके बावजूद राज्य में शिवसेना की मुश्किलें सहयोगी दल ही बढ़ा रहा हैं। कांग्रेस के नेता और उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री अशोक चाव्हाण ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना ने कांग्रेस को लिखित आश्वासन दिया है। ऐसा कहकर चाव्हाण ने शिवसेना को कमजोर पार्टी साबित कर दिया है। जिसको लेकर भाजपा अब मुद्दा बना रही है। वहीं कुछ दिन पहले ही चाव्हाण ने बयान दिया था कि राज्य में मुस्लिमों के हितों के लिए कांग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार बनाई है।

जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार भी इस तरह का बयान दे चुके हैं। शरद पवार ने कहा कि मुस्लिमों से पूछकर ही शिवसेना के साथ सरकार बनाई गई थी। क्योंकि मुस्लिम नहीं चाहते थे कि राज्य में भाजपा की सरकार बने। अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिवसेना से लिखित में यह आश्वासन मांगा था कि महाराष्ट्र में सरकार संविधान के दायरे में काम करेगी।  

अशोक चव्हाण के बयान के बाद भाजपा को राज्य की शिवसेना सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। भाजपा ने कहा कि  महाराष्ट्र की विकास आघाडी सरकार को अपने करारों को साफ करना चाहिए। ताकि जनता को भी मालूम चले कि किन शर्तों पर शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाई है।
 

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