कांग्रेस में मचा है घमासान, कमलनाथ करा रहे हैं संकटमोचक बजरंगी बली के 'चालीसा' का पाठ

By Team MyNation  |  First Published Aug 2, 2020, 1:43 PM IST

फिलहाल कमलनाथ के हनुमान चालीसा को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं और विपक्षी दलों का आरोप है कि कमलनाथ सिर्फ अपनी राजनीति इसके जरिए चमकाना चाहते हैं जबकि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही भगवान श्रीराम की विरोधी रही है और उनके अस्तित्व को स्वीकर नहीं करती तो सोनिया गांधी के करीबी हनुमान चालीसा पाठ क्यों करा रहे हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस में युवा नेताओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच में घमासान मचा हुआ है और मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि-पूजन समारोह से पहले चार अगस्त यानी मंगलवार को भोपाल में अपने निवास पर 'हनुमान चालीसा' का पाठ करा रहे हैं। फिलहाल कमलनाथ के हनुमान चालीसा को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं और विपक्षी दलों का आरोप है कि कमलनाथ सिर्फ अपनी राजनीति इसके जरिए चमकाना चाहते हैं जबकि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही भगवान श्रीराम की विरोधी रही है और उनके अस्तित्व को स्वीकर नहीं करती तो सोनिया गांधी के करीबी हनुमान चालीसा पाठ क्यों करा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगामी मंगलवार को भोपाल स्थित आवास पर हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन किया गाय है। कमलनाथ दावा करते हैं कि वह भगवान हनुमान के आराध्य भक्त हैं। लिहाजा वह राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन पर हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। कमलनाथ ने पार्टी कैडर और नेताओं से मंगलवार को अपने घरों में 'हनुमान चालीसा' का पाठ करने आग्रह किया है। शनिवार को ही कमलनाथ ने कहा कि हर भारतीय की सहमति से अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। हालांकिं कांग्रेस के राज्य के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि मंगलवार को शुभ दिन है और इसलिए कमलनाथ घर में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं।

उनका कहना है कि ये एक आध्यात्मिक कार्यक्रम है और इसको लेकर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि कमलनाथ अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में हर साल होने वाले भव्य वार्षिक धार्मिक आयोजन नहीं कर सके हैं और इसलिए इस कार्यक्रम को आयोजित किया जा रहा है। गुप्ता कहना है कि जब कमलनाथ सांसद थे तो उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा में भगवान हनुमान की 101 फीट ऊंची प्रतिमा को स्थापित किया था। लिहाजा उनके हनुमान भक्ति पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। गौरतलब है कि इस साल मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के बाग हो जाने के बाद राज्य में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई थी।

कांग्रेस में मचा है घमासान

भले ही कललनाथ खुद को हनुमान भक्त साबित करने में जुटे हैं। लेकिन कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कनिष्ठ नेताओं के बीच तू-तू मैं-मैं हो चुकी है और युवा नेता आरोप लगा रहे हैं कि वरिष्ठ नेताओं के कारण पार्टी में युवा नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं। वहीं वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को इस वक्त विवादित बयानों से दूर रहना चाहिए। हालात ये है कि पिछले हफ्ते राज्यसभा सदस्यों की बैठक में राजीव सातव ने कांग्रेस के वरिष्ठ  नेता कपिल सिब्बल को जमकर लताड़ा था वहीं सिब्बल ने सवाल किए थे कि आखिर राहुल गांधी ने सावत को क्यों राज्यसभा भेजा।

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