राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद डोभाल दूसरी बार कश्मीर गए। हालांकि डोभाल का वहां पर जाना सत्ता के गलियारों में चर्चा बना। क्योंकि डोभाल बगैर किसी मकसद के वहां पर नहीं गए होंगे। लिहाजा हर तरफ कयास लगने शुरू हुए। असल में डोभाल का कश्मीर जाना केन्द्र सरकार की रणनीति का ही हिस्सा।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे पर कयास लग रहे थे। लेकिन डोभाल यूं ही कश्मीर नहीं गए बल्कि वह एक मास्टर प्लान को लेकर श्रीनगर पहुंचे थे। डोभाल के इस प्लान से घाटी में एक भी आतंकी नहीं बचेगा। असल में पाकिस्तान समर्थित 100 से ज्यादा आतंकी घाटी में मौजूद हैं। जिनका सफाया किया जाना जरूरी है। लिहाजा केन्द्र सरकार ने डोभाल को भेजकर आतंकियां का सफाया करने का आदेश दिया है।
राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद डोभाल दूसरी बार कश्मीर गए। हालांकि डोभाल का वहां पर जाना सत्ता के गलियारों में चर्चा बना। क्योंकि डोभाल बगैर किसी मकसद के वहां पर नहीं गए होंगे। लिहाजा हर तरफ कयास लगने शुरू हुए। असल में डोभाल का कश्मीर जाना केन्द्र सरकार की रणनीति का ही हिस्सा।
इस रणनीति के तहत घाटी में मौजूद आतंकियों का सफाया किया जाना है। लिहाजा इसके लिए रणनीति बनाने के लिए डोभाल को भेजा गया। खुफिया एजेंसियों को जो सूचना मिली हैं। उसके मुताबिक घाटी में करीब 100 आतंकी पाकिस्तान से भारत की सीमा में प्रवेश कर गए हैं।
लिहाजा इन आतंकियों का सफाया किया जाना जरूरी है। नहीं तो ये आतंकी किसी भी वक्त घाटी को दहला सकते हैं। पिछले दिनों ही सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने खुलासा किया था कि 100 से ज्यादा आतंकी भारत की सीमा में प्रवेश कर गए हैं और किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं।
डोभाल वहां पर जाकर अपने स्थानीय स्तर पर अपने खुफिया सूत्रों को एक्टिव करना चाहते हैं। डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें की हैं। गौरतलब है कि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में विभाजित करने के बाद दोनों केंद्र शासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे और उसी दिन दोनों क्षेत्रों के पहले उपराज्यपाल शपथ ग्रहण करेंगे।