कठुआ केस में तीन दोषियों को उम्रकैद, सबूत मिटाने वाले पुलिसवालों को 5-5 साल की जेल

By Team MyNationFirst Published Jun 10, 2019, 5:31 PM IST
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मुख्य आरोपी सांझी राम, परवेश कुमार, दीपक खजुरिया को 302 (मर्डर), 376 (रेप), 120 बी (साजिश), 363 (किडनैपिंग) के तहत दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार, तिलक राज को 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत दोषी ठहराया। 

कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची से गैंगरेप और हत्या के बहुचर्चित मामले में पठानकोट सेशन कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। तीन दोषियों सांझी राम, दीपक खजुरिया और परवेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, सबूतों से छेड़छाड़ करने के दोषी ठहराए गए तीन पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की सजा दी गई है। इन तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

सोमवार सुबह अदालत ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया था। वहीं एक आरोपी विशाल को बरी कर दिया था। वह इस वारदात के मुख्य आरोपी सांझी राम का बेटा है। जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की विशेष अदालत ने छह आरोपियों में से 3 को बलात्कर और हत्या का दोषी पाया। बाकी तीन को सबूत मिटाने का दोषी माना गया। सांझी राम, परवेश कुमार, दीपक खजुरिया को 302 (मर्डर), 376 (रेप), 120 बी (साजिश), 363 (किडनैपिंग) के तहत दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार, तिलक राज को 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत दोषी ठहराया। 

Kathua rape and murder case: Tilak Raj, Anand Dutt and Surinder Kumar have been convicted for destruction of evidence. They have been given 5 years of imprisonment each. https://t.co/Wnmc4tdZ1M

— ANI (@ANI)

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10 जनवरी, 2018 को बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली 8 साल की एक बच्ची का अपहरण किया गया था। इसके बाद 17 जनवरी को उसका शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ था। इस सनसनीखेज मामले के खिलाफ पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुए और पीड़िता के लिए न्याय की गुहार लगाई गई। इस वीभत्स मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 15 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। 

पीड़िता के वकील के मुताबिक, मुख्य आरोपी सांझी राम, दीपक खजुरिया और परवेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा दी गई। तीनों आरोपियों को सामूहिक बलात्कार के आरोप में 25 वर्ष कैद की भी सजा सुनाई गई है। साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पुलिस सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।

 

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