जम्मू। जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित कठुआ रेप एवं हत्या मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। पठानकोट स्थित स्पेशल कोर्ट ने सात आरोपियों में से छह को आठ साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया है। इनमें मुख्य आरोपी सांझी राम भी शामिल है। फैसला सुनाए जाते समय सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। पीड़ित पक्ष के वकील मुबीन फारूकी ने बताया कि अदालत ने सांझी राम, आनंद दत्ता, परवेश कुमार, दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा और तिलक राज को दोषी ठहराया है। वहीं सांजी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है। मामले में सजा का ऐलान आज ही हो सकता है। दोषियों को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है। 

इस मामले में बंद कमरे में चली सुनवाई तीन जून को पूरी हुई थी। जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने 10 जून को फैसला सुनाने की घोषणा की थी। आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में ग्राम प्रधान समेत 8 लोगों पर आरोप थे। 8वां आरोपी सांजी राम के भतीजे को भी गिरफ्तार किया गया था। उसकी सुनवाई अब तक नहीं शुरू हो सकी है, क्योंकि 18 साल से कम उम्र के होने के उसके दावे की जांच की जा रही है। 

जून 2018 के पहले हफ्ते में कठुआ से करीब 30 किमी दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत में रोजाना कैमरे की निगरानी में मामले की सुनवाई शुरू हुई। जून 2018 को 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए थे। क्राइम ब्रांच ने आठ लोगों मंदिर के संरक्षक और मुख्य आरोपी सांझी राम, उसके बेटे विशाल, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया उर्फ दीपू, सुरेंद्र वर्मा, परवेश कुमार उर्फ मन्नू, हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक अरविंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। आठवां आरोपी नाबालिग बताया गया है।