यूएन ने कृषि उत्पादन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें अनुमान लगाया गया है कि आने वाले दशक में भारत में कृषि उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी होगी
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अफ्रीका और एशिया में कृषि उत्पादन वृद्धि होगी। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आने वाले दशक में पश्चिमी यूरोप के कृषि उत्पादन में कमी आएगी।
मध्य पूर्व को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन और गलत नीति के कारण खाद्य असुरक्षा बढ़ने का खतरा है। इस कारण इस क्षेत्र को आयात पर निर्भर रहना पड़ेगा।
ओईसीडी और एफएओ की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विकासशील दुनिया में आने वाले दशक में कृषि उत्पादन और विस्तार समान रूप से रहेगा लेकिन विकसित देशों में कृषि उत्पादन में गिरावट देखने को मिल सकती है। यहां मछली उत्पादन 3 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में फसल उत्पादन में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि होगी और मांस और डेयरी के उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
फ़िलहाल यहां पर लोगों को खाद्य सुरक्षा के लिये विश्व बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है क्योंकि बढ़ती खपत के कारण घरेलू उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
दक्षिण और पूर्वी एशिया चीन और भारत जैसे देश हैं जो उत्पादक हैं और ये कृषि उत्पादन वृद्धि के मामले में सबसे आगे रहेंगे।
आने वाले दशक में चुनौतियां और बढ़ेंगी जिसको सुलझाने के लिए उत्पाद बढ़ाने के साथ मानक और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने की आवश्यक्ता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य पूर्व में हो रहे राजनीतिक संघर्ष के कारण इलाका अशांति में फंस गया है, यहां की निर्भरता आयात पर बढ़ी है, इस क्षेत्र को खाद्य असुरक्षा बढ़ाने की स्थिति में छोड़ दिया गया है।