उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए एसपी-बीएसपी की दोस्ती को कठघरे में खड़ा किया है। साथ ही मायावती-अखिलेश को लेकर एक जोक शेयर करते हुए बसपा सुप्रीमो पर निजी हमले भी किए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने मायावती को निशाने पर लेने के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जिसे हम लिख नहीं सकते हैं।
लखनऊ— भारतीय जनता पार्टी के यूपी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक कमेंट किए हैं। उन्होंने चंदौली में एक जनसभा में बोलते हुए बसपा-सपा गठबंधन पर तंज कसे।
उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए एसपी-बीएसपी की दोस्ती को कठघरे में खड़ा किया है। साथ ही मायावती-अखिलेश को लेकर एक जोक शेयर करते हुए बसपा सुप्रीमो पर निजी हमले भी किए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने मायावती को निशाने पर लेने के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जिसे हम लिख नहीं सकते हैं।
उन्होंने 1995 में लखनऊ के 'गेस्ट हाउस कांड' को याद करते हुए कहा, 'बसपा-सपा गठबंधन अपराध की आग में झोंकने वाले अवसरवादी दलों का गठबंधन है। जो एक-दूसरे के गुनाह ढकने के लिए और अस्तित्व बचाने की बुनियाद पर खड़ा हुआ है।'
सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा जोक सुनाते हुए उन्होंने कहा, 'गठबंधन के ऐलान के बाद अखिलेश यादव ने बुआ (मायावती) को शॉल ओढ़ाई और कान में फुसफुसाया कि ये वही शॉल है, जो... गेस्ट हाउस में...'
महेंद्र नाथ पांडेय यही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मायावती को देखने-समझने के बाद उन्हें रिजेक्ट कर दिया। क्योंकि राजनीति में उनका दौर खत्म हो चुका है। वो कुछ नहीं कर सकती हैं। अब अखिलेश यादव गठबंधन कर 'बबुआ' बन रहे हैं।
: UP Min MN Pandey says,' Meine social media pe dekha ek naujavan ne post kar diya ki Shri Akhilesh ji, Maya ji ko shawl pehna rahe hain, Toh naujavan likhta hai niche –Akhilesh ke mooh se ki... ye wahi shawl hai jo guest house mein pita ji ne utara tha. (28-01-2019) pic.twitter.com/E19CF06HJ2
— ANI (@ANI)महेंद्र नाथ पांडेय के बयान के बाद लगता है गेस्ट हाउस कांड का जिन्न बार-बार यूपी की सियासत में प्रकट हो गया है। इससे पहले 12 जनवरी को एसपी-बीएसपी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था, 'देशहित के लिए हमने 1995 के गेस्ट हाउस कांड को भुला दिया। हमारे लिए जनहित लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर है।'
मायावती ने एसपी-बीएसपी के 38-38 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया था। इसके अलावा दो सीट अन्य दलों के लिए और अमेठी-रायबरेली सीट को बिना गठबंधन किए कांग्रेस के लिए छोड़ा था।