UP Police Recruitment Paper Leak: योगी सरकार ने बोर्ड अध्यक्ष रेणुका को हटाया, अब इस आईपीएस को मिला चार्ज

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Mar 5, 2024, 12:07 PM IST

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण में शासन की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। पांच मार्च को सरकार ने पुलिस भर्ती एवम प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर प्रतिक्षारत कर दिया है।

लखनऊ। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण में शासन की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। पांच मार्च को सरकार ने पुलिस भर्ती एवम प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर प्रतिक्षारत कर दिया है। उनके स्थान पर आईपीएस राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। आईपीएस राजीव कृष्णा 1991 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में डीजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत है। 

17 और 18 फरवरी को हुई थी पुलिस भर्ती परीक्षा
उत्तर प्रदेश में 60 हजार 244 पदों पर पुलिस भर्ती की 17 और 18 फरवरी को पूरे प्रदेश के 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें 48 लाख से अधिक प्रतियोगी युवा शामिल हुए थे।  जिसमें पेपर लीक हो गया था। जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ था। प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत विपक्ष ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला था।

पेपर लीक को लेकर हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री योगी ने रद्द कर दी थी पुलिस भर्ती परीक्षा
हंगामा बढ़ने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी थी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि छह माह के अंदर फिर से एग्जाम कराया जायेगा। किसी भी आवेदनकर्ता को दोबारा फार्म भरने की जरूरत नहीं है। साथ ही परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा के दिन रोडवेज से फ्री में परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया जाएगा।  

एसटीएफ ने साल्वर गैंग के 289 लोगों को किया था  गिरफ्तार
पुलिस भर्ती परीक्षा का जो पेपर लीक हुआ था, उसे सलवार गैंग ने व्हाट्सएप पर 100-100 रुपए में बेंचा था। एसटीएफ ने साल्वर गैंग से जुड़े 289 लोगो को गिरफ्तार किया था। उसके बाद भी परीक्षा कराई गई थी। यूपीआई पुलिस भर्ती एवम प्रोन्नति बोर्ड को पेपर लीक से संबंधित करीब 1500 शिकायते मिली थी। परीक्षार्थियों ने दावा किया था कि परीक्षा से करीब 9 से 10 घंटे पहले ही उन्हें पेपर मिल गया था। पुलिस भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को लेकर युवाओं ने जमकर हंगामा किया था। 23 फरवरी को लखनऊ के इको गार्डन में धरना प्रदर्शन किया गया था। आंदोलित छात्रों की मांग थी कि पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द की जाए और फिर से परीक्षा कराई जाए। उसी के बाद मुख्यमंत्री ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दिया था।

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