बंद हुए यूपी सरकार के दफ्तर, पुरानी पेंशन स्कीम की मांग लेकर हड़ताल पर 20 लाख कर्मचारी

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के करीब 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में आज काम नहीं हुआ। जिसके कारण आम लोगों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ा है। 

UP state employee went to strike, services effected in state

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के करीब 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में आज काम नहीं हुआ। जिसके कारण आम लोगों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ा है। राज्य के सभी जिलों में राज्य कर्मचारियों ने काम नहीं किया। जिसे कारण जाति प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र नहीं बने।

सोमवार को राज्य कर्मचारियों ने अहम बैठक की थी और उन्होंने राज्य सरकार को पुरानी पेंशन बहाली के लिए अल्टीमेटम दिया था। लेकिन राज्य सरकार की कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रही। लिहाजा आज से करीब 20 लाख कर्मचारियों ने हड़ताल में जाने का फैसला किया। इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पहले योगी सरकार ने इन सभी के खिलाफ एस्मा लगाने का ऐलान किया है, लेकिन उसके बावजूद राज्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।UP state employee went to strike, services effected in state

कर्मचारी राज्य की नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं, जिसमें सरकार का हिस्सा 10 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है। हड़ताल के बाद राज्य की राजधानी में कई सरकरी कार्यालय खाली नजर आए या बंद रहे। प्रदर्शनों के बीच यूनियन नेता बुधवार सुबह कार्यालयों के बाहर इकठ्ठा हुए। इस हड़ताल में करीब 150 कर्मचारी संगठनों के शामिल होने की बात कही जा रही है।

आम लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारी इन प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुए हैं। कर्मचारियों की महाहड़ताल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अगले छह महीने तक के लिए किसी भी सरकारी हड़ताल पर रोक लगा दी है। इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत उप्र अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 की सुसंगत धाराओं के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके, राज्य के कार्य-कलापों से सम्बंधित किसी लोक सेवा सहित राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी निगम तथा किसी स्थानीय निकाय के अधीन किसी सेवा में 6 माह की अवधि के लिए हड़ताल निषिद्ध कर दी गयी है।

राज्यपाल की मंजूरी से विभाग इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार ने यह निर्णय विश्वविद्यालयों की आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर लिया है। अगर कोई कर्मचारी इस अधिसूचना के बाद भी हड़ताल में जाता है तो सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली- 1999 के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को उक्त अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा और इस अवधि में किसी कर्मचारी का अवकाश भी स्वीकृत नहीं होगा।
 

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