अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला, कम नहीं हो रहा है अमेरिका-ईरान में तनाव

By Team MyNation  |  First Published Jan 21, 2020, 8:22 AM IST

फिलहाल ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि सुलेमानी को मारने के बाद अमेरिका शांत है। लेकिन ईरान उसके सैन्य ठिकानों और दूतावास को निशाना बना रहा है। ईरान के साथ ही ईरान समर्थित विद्रोही गुट भी अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। पूरा विश्व समुदाय दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव को कम करने की कोशिश कर रहा है।

नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। क्योंकि इराक में अमेरिकी दूतावास और सैन्य ठिकानों को सीधे निशाना बनाया जा रहा है। इराक की राजधानी बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास पर एक बार फिर दो रॉकेटों से हमला किया। लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। क्योंकि ये दोनों रॉकेट दूतावास के पास आकर गिरे थे।

हालांकि अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। लेकिन माना जा रहा है कि ईरान या फिर ईरान समर्थित विद्रोहियों ने ये रॉकेट दागे हैं। ये दो रॉकेट बगदाद में ग्रीन जोन में स्थित अमेरिकी दूतावास के पास दागे गए। रॉकेट दागे जाने के तुरंत बाद पूरे इलाके में सायरन बजने लगा। इराक के मध्य बगदाद में है ग्रीन जोन बनाया गया है, जहां सरकारी इमारतें और राजनयिक दूतावास स्थित हैं।

फिलहाल ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि सुलेमानी को मारने के बाद अमेरिका शांत है। लेकिन ईरान उसके सैन्य ठिकानों और दूतावास को निशाना बना रहा है। ईरान के साथ ही ईरान समर्थित विद्रोही गुट भी अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। पूरा विश्व समुदाय दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव को कम करने की कोशिश कर रहा है।

लेकिन ईरान फिलहाल मानने के तैयार नहीं हैं। ईरान ने कहा कि वह अपने ताकतवर सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेकर रहेगा। गौरतलब है कि ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने मार गिराया था। जिसके बाद खाड़ी क्षेत्र में ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। हालांकि अमेरिका और ईरान पहले ही एक दूसरे को दुश्मन मानते आए हुए हैं। लेकिन कासिम की मौत के बाद दोनों देश में तनाव युद्ध स्तर पर पहुंच गया है।

फिलहाल राष्ट्रपति के चुनाव में जुटे डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी को दान देने वालों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि कुद्स फोर्स का जनरल कासिम सुलेमानी अमेरिका के खिलाफ बयान दे रहा था और बड़ी खराब बातें कर रहा था। इसलिए उसे मारने का आदेश दिया गया।
 

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