Mukhtar Ansari last Journey: हैं से थे बन चुके अतीक-मुख्तार का याराना...D गैंग ने लिया था असद का जिम्मा

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Mar 30, 2024, 9:45 AM IST

आज कहानी बनकर रह गए माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की एक दौर में जरायम की दुनिया में तूती बोलती थी। कभी एक दूसरे के दुश्मन रहे इन माफियाओं के बीच बाद में ऐसी गहरी दोस्ती बनी की हर कारोबार में मिल-बांट कर खाने खिलाने का जो दौर शुरू हुआ, वह फिर खत्म ही नहीं हुआ।

प्रयागराज। आज कहानी बनकर रह गए माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की एक दौर में जरायम की दुनिया में तूती बोलती थी। कभी एक दूसरे के दुश्मन रहे इन माफियाओं के बीच बाद में ऐसी गहरी दोस्ती बनी की हर कारोबार में मिल-बांट कर खाने खिलाने का जो दौर शुरू हुआ, वह फिर खत्म ही नहीं हुआ। यही नहीं अबू सलेम जैसे डॉन से अतीक की दोस्ती मुख्तार अंसारी के जरिए ही हुई थी। 

तीसरे की इंट्री रोकने के लिए दोनों माफिया आए साथ
यूपी के बाहुबली अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के बीच शुरूआती दौर में अदावत थी। दोनों के काले साम्राज्य भी अलग-अलग थे, लेकिन कुछ मजबूरियां उन्हें करीब ले आईं। वो मुख्तार अंसारी ही था, जिसने रेलवे में कोयले की ठेकेदारी के साथ स्क्रैप के कारोबार में अतीक अहमद की इंट्री कराई थी। 

पप्पू गंजिया बना अतीक-मुख्तार की दोस्ती के सूत्रधार
मुख्तार और प्रयागराज के हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद जावेद उर्फ पप्पू गंजिया का बड़ा याराना था। दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी। अतीक का खास होने के साथ पप्पू गंजिया मुख्तार का भी बेहद करीबी था। मुख्तार के बल पर पप्पू ने प्रयागराज के नैनी में जरायम की दुनिया से लेकर जमीन के कारोबार तक का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया। 

अतीक के बेटै असद को पूणे में छिपाने की अबू सलेम ने कराई थी व्यवस्था
सूत्रों के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के बेटे असद को छिपाने का प्लान अबू सलेम ने पूणे में बनाया था। अतीक को D ग्रुप गैंग से मिलवाने वाले मुख्तार अंसारी का भी इसमें बड़ा रोल था, लेकिन उससे पहले ही झांसी में पुलिस ने एनकाउंटर में असद और गुलाम मोहम्मद को ढेर कर दिया था। 

रेलवे स्क्रैप और कोयले के ठेके में मुख्तार ने किया था अतीक को शामिल
मुख्तार मुख्य रूप से रेलवे का स्क्रैप और कोयले का ठेकेदार था। सूत्रों के अनुसार उसका काला कारोबार पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक फैला हुआ था। उसके बिना आदेश के रेलवे के स्क्रैप और कोयले का कोई टेंडर नहीं ले सकता था। उन्नाव के MLC अजीत सिंह ने 1995 ये हिमाकत कर दी। जो मुख्तार को बहुत नागवार लगाा। उसने 4 सितंबर 2004 को बर्थडे पार्टी में अजीत की गोली मरवा कर हत्या करा दी। 

मुख्तार के इशारे पर अतीक ने खरीदी थी अरबों की विवादित जमीनें
अजीत सिंह की हत्या के बाद राजनीति की मुख्तार की कड़ी कमजोर हुई तो उसने अतीक से हाथ मिला लिया। अतीक ने मुख्तार के बल पर पूर्वाचल में अरबो की विवादित सम्पत्ति खरीदी थी थी। 8 साल पहले कानपुर के एक बड़े रेलवे ठेकेदार स्क्रैप नीलामी में शामिल हुआ तो अतीक ने उसका 100 टन से ज्यादा स्क्रैप अपने गुर्गों से कानपुर उठवा लिया। जिसके बाद मुख्तार ने अतीक को बिंदकी रोड स्टेशन से मिर्जापुर के बीच स्क्रैप के ठेके की जिम्मेदारी सौंप दी थी। NCR 56 प्रयागराज मंडल में रेलवे स्क्रैप टेंडर अतीक की मर्जी के बगैर कोई नहीं लेता था।

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