यूपी के बस्ती जिले की 13 साल की एक बेटी निकिता की प्रतिभा के कायल हुए देश के प्रतिष्ठित कारोबारी आनंद महिंद्रा ने उसे नौकरी का ऑफर तक दे डाला। बच्ची की त्वरित निर्णय के बारे में जानकर आनंद महिंद्रा ने कहा कि अगर ये लड़की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कारपोरेट जगत में काम करना चाहेगी तो महिंद्रा राइज से हम उसे जरूर जोड़ना चाहेंगे।
बस्ती। यूपी के बस्ती जिले की 13 साल की एक बेटी निकिता की प्रतिभा के कायल हुए देश के प्रतिष्ठित कारोबारी आनंद महिंद्रा ने उसे नौकरी का ऑफर तक दे डाला। बच्ची की त्वरित निर्णय के बारे में जानकर आनंद महिंद्रा ने कहा कि अगर ये लड़की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कारपोरेट जगत में काम करना चाहेगी तो महिंद्रा राइज से हम उसे जरूर जोड़ना चाहेंगे।
15 माह की भांजी की बंदरों से बचाई जान
बस्ती जिले के सदर विकास खंड अंतर्गत नारायणपुर गांव निवासी धीरेंद्र पांडेय की छोटी बेटी निकिता अभी 13 साल की है। वह इन दिनों शहर के आवास विकास कालोनी में रहने वाली बड़ी बहन शिप्रा के घर आई है। 3 अप्रैल को शिप्रा व अन्य लोग अपने काम में बिजी थे। निकिता 15 माह की भांजी वामिका के साथ खेल रही थी। तभी बंदरों का झुंड आ गया। बंदरों ने घर के अंदर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। किचेन का सामान फेंकने लगे। निकिता को लगा कि कहीं बंदर उन पर हमला न कर दें।
बंदरों को भगाने के लिए एलेक्सा का किया इस्तेमाल
तभी उसकी नजर फ्रिज पर रखे एमेजन के वर्चुअल वॉयस असिस्टेंट एलेक्सा डिवाइस पर गई। निकिता ने तुरंत एलेक्सा से कहा कि कुत्ते की आवाज निकालो। उस समय एलेक्सा डिवाइस ऐक्टिवेट थी, जिससे उसने भौं-भौं की आवाज निकालनी शुरू कर दी। अचानक कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर बंदर भाग खड़े हुए। यह खबर जब वायरल हुई तो निकिता की सूझबूझ की लोग सराहना करने लगे।
The dominant question of our era is whether we will become slaves or masters of technology.
The story of this young girl provides comfort that technology will always be an ENABLER of human ingenuity.
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प्रभावित आनंद महिंद्रा ने लिखा निकिता का कार्पोरेंट जगत में स्वागत
बेटी के त्वरित निर्णय पर पिता धीरेंद्र पांडेय व परिवार खुद हैरान है। इसके बारे में जब महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने पढ़ा तो वह अपने आपको निकिता को शाबाशी देने से रोक नहीं पाए। उन्होंने X पर लिखा कि हमारे युग का मेन प्रश्न यह है कि क्या हम प्रौद्योगिकी के गुलाम बनेंगे या स्वामी? इस लड़की की कहानी यह दिलासा देती है कि प्रौद्योगिकी हमेशा मानवीय प्रतिभा को बढ़ावा देने वाली रहेगी। शिक्षा पूरी होने के बाद अगर निकिता कार्पोरेट जगत में काम करना चाहती है तो महिंद्रा राइज से हम उसे जरूर जोड़ेंगे।
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