आजमगढ़ में ईवीएम से छेड़छाड़ की फर्जी पोस्ट करने वाला गिरफ्तार

By Shashank ShekharFirst Published May 21, 2019, 3:07 PM IST
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एग्जिट पोल आने के बाद से सोशल मीडिया पर ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर फर्जी सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इनके आधार पर राजनीतिक दल चुनाव आयोग का कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने से पहले कुछ संगठित समूह और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने सोशल मीडिया वेबसाइटों पर ईवीएम से छेड़छाड़ की अफवाहें फैलानी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने देशभर में ईवीएम को लेकर फर्जी सूचनाएं फैलाने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। इन अफवाहों के चलते कई इलाकों में तनाव फैल गया है। 

पुलिस के मुताबिक, कुछ अराजक तत्व सोशल मीडिया एकाउंट्स और दूसरे राजनीतिक पेज का इस्तेमाल अफवाहें फैलाने के लिए कर रहे हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया को बड़े पैमाने पर बाधित किया जा सके। आजमगढ़ से पुलिस ने बसपा से जुड़े एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसने फेसबुक पर ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर कई पोस्ट किए थे। इसी तरह की सूचनाएं सोशल मीडिया पर सोमवार से फैलाई जा रही हैं। इनके आधार पर राजनीतिक दल चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी कहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में ईवीएम को बिना किसी सुरक्षा के एक जगह से स्ट्रांग रूम में ले जाने की खबरें बेबुनियाद हैं। आयोग ने लोगों से चुनाव निकाय पर भरोसा रखने की अपील की है। 

 

 

 

आजमगढ़ पुलिस ने ईवीएम से जुड़ी ऐसी कई फर्जी सूचनाओं का पता लगाया है जिन्हें सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा था। आजमगढ़ पुलिस की साइबर टीम ने ऐसी पोस्ट फैलाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसका नाम उमेश गौतम है। आजमगढ़ के एसपी त्रिवेणी सिंह ने कहा, 'आरोपी ईवीएम से छेड़छाड़ की फर्जी सूचनाएं फैला रहा था। हमने उसकी पोस्ट की जांच की तो ये सभी फर्जी पाई गईं। इस तरह की फर्जी सामग्री से राजनीतिक दलों में गतिरोध बढ़ सकता है। साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े होते हैं।'

पुलिस सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि कई सोशल मीडिया एकाउंट्स और पेज से एग्जिट पोल आने के तुरंत बाद से ईवीएम से छेड़छाड़ की सूचनाएं फैलाकर एक तरह का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। लगभग सभी एग्जिट पोल में भाजपा के सत्ता में लौटने का अनुमान लगाया गया है। लोकसभा चुनावों का परिणाम 23 मई को आएगा। राजनीतिक दलों ने अभी से ईवीएम हैक किए जाने और इनसे छेड़छाड़ होने के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अपने दावों में किसी ने भी वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं दिया है। 

सिंह ने कहा, 'हम सोशल मीडिया के जरिये फैलाई जा रही ऐसी सभी गलत सूचनाओं पर नजर रख रहे हैं, जिन्हें शांति भंग करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ईवीएम से संबंधित सामग्री की सुरक्षा के लिए उपयुक्त दल तैनात हैं। इन सभी को अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया गया है।'

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