असल में आईएमएफ ने अपने अर्धवार्षिकी इकोनॉमी आउटलुक में बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के संकेत मिलने लगे है और अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर दुनिया में सबसे ज्यादा रहेगी।
नई दिल्ली। कोरोनासंकट के बीच दुनिया की ज्यादा एजेंसियों ने आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया है। हालांकि कुछ दिनों पहले आरबीआई ने भी कहा था कि देश अगले वित्तीय सत्र में अच्छा प्रदर्शन करेगा। जबकि अब आईएमएफ ने भी माना भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी आने लगी है और , अगले साल फिर बनेगी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में भारत भी होगा।
असल में आईएमएफ ने अपने अर्धवार्षिकी इकोनॉमी आउटलुक में बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के संकेत मिलने लगे है और अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर दुनिया में सबसे ज्यादा रहेगी। आईएमएफ का कहना है कि इस साल सभी इमर्जिंग मार्केट और डेवलपिंग इकोनॉमी में गिरावट की आशंका है और इसमें भारत और इंडोनेशिया जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं। वहीं आईएमएफ ने दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी पर अपने पहले के अनुमान को बदल दिया है और इस वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में 10.3% की गिरावट की आशंका है। वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये कहा था कि अगले साल जनवरी-मार्च यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव होगी जबकि चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रह सकती है।
फिलहाल अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जाहिर किया है कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 10.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हो सकती है। जबकि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8.8 फीसदी गति से बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। वहीं दुनिया में कोरोना फैलाने वाले चीन के लिए आईएमएफ का कहना है कि चीन की 8.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। आईएमएफ का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी शून्य से 9.6 फीसदी रह सकती है लेकिन रेटिंग एजेंसी केयर ने इसके लिए जीडीपी ग्रोथ शून्य से 8-8.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।