नियाजी ने दी गीदड़ भभकी तो पर सीडीएस रावत ने कहा हमारी तीनों सेनाएं तैयार

By Team MyNation  |  First Published Jan 21, 2020, 7:46 AM IST

तंजावुर में सुखोई लड़ाकू विमान के 12वें स्क्वॉड्रन की तैनाती के बाद सीडीएस विपिन रावत ने पाकिस्तान पर कहा कि तीनों सेनाएं तैयारी है और तीनों रक्षा सेवाएं किसी भी विकल्प पर काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाएं आपसी तालमेल की कार्रवाई को अंजाम देंगी।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी को उनकी दो दिन पहले की गीदड़ भभकी पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी तीनों सेनाएं तैयार है। इमरान खान ने कहा कि था कि वह अब चुप नहीं बैठेंगे। लेकिन आज सीडीएस ने कहा कि भारत की तीनों सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

तंजावुर में सुखोई लड़ाकू विमान के 12वें स्क्वॉड्रन की तैनाती के बाद सीडीएस विपिन रावत ने पाकिस्तान पर कहा कि तीनों सेनाएं तैयारी है और तीनों रक्षा सेवाएं किसी भी विकल्प पर काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाएं आपसी तालमेल की कार्रवाई को अंजाम देंगी। दो दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने धमकी दी थी कि अगर भारत ने पाकिस्तान के गुलाम कश्मीर में किसी भी तरह की कार्यवाही की तो वह चुप नहीं बैठेंगे।

तमिलनाडु के तंजावुर एयरफोर्स स्टेशन पर ब्रह्मोस से लैस सुखोई 30 एमकेआई के 12वें स्क्वॉड्रन को तैनात किया गया। यह स्क्वॉड्रन हिंद महासागर में जल सीमा की रक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। क्योंकि हिंद महासागर में चीन की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जलसीमा को और ज्यादा मजबूत करने की जरूरत को देखते हुए यहां पर स्क्वॉडन को तैनात किया गया है। वहीं इससे पहले रॉफेल को पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर तैनात किया गया है। असल में पाकिस्तान घबराया हुआ है और वह लगातार भारत के खिलाफ बयान दे रहा है।

पाकिस्तान को इस बात का डर है कि कहीं पाकिस्तान के गुलाम कश्मीर में वहां की जनता बगावत कर भारतीय सेना का साथ न दे। लिहाजा पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कश्मीर पर बयान दे रहे हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर विश्व विरादरी के सामने मुंह की खानी पड़ी है। हालांकि पिछले दिनों भी पाकिस्तान के आका चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र में फिर से कश्मीर के मसले को उठाने की कोशिश की थी। लेकिन फ्रांस और रूस के कारण चीन इस मुद्दे को नहीं उठा सका।
 

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