IAS VK Pandian: ओडिशा में 2024 विधानसभा चुनाव से पहले अचानक सियासी पारा चढ़ गया। इसकी वजह ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के सेक्रेटरी रहे आईएएस वीके पांडियन (V K Pandian) का वीआरएस लेना रहा और वीआरएस मिलते ही उन्हें जब कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया तो सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई।
IAS VK Pandian: ओडिशा में 2024 विधानसभा चुनाव से पहले अचानक सियासी पारा चढ़ गया। इसकी वजह ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के सेक्रेटरी रहे आईएएस वीके पांडियन (V K Pandian) का वीआरएस लेना रहा और वीआरएस मिलते ही उन्हें जब कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया तो सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई। वीके पांडियन को 5T का अध्यक्ष बनाया गया है, जो सीधे सीएम को रिपोर्ट करेंगे।
ओडिशा सरकार ने वीके पांडियन को वीआरएस लेने के तुरंत बाद कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। इससे भी राज्य में इस बात की चर्चा तेज हो गई कि वह नवीन पटनायक के अगले उत्तराधिकारी हो सकते हैं। आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिरकार आईएएस अफसर वीके पांडियन कौन है, जिन्हें वीआरएस लेने के तुंरत बाद कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया गया। आइए 5 पांइट्स में जानते हैं।
1. पांडियन को कहा जा रहा सीएम का उत्तराधिकारी
25 मई 1974 को तमिलनाडु में जन्मे वीके पांडियन (वी कार्तिकेय पांडियन) करीबन 23 वर्षों से सीएम नवीन पटनायक के खास रहे हैं। पांडियन वर्ष 2000 बैच के ओडिशा काडर के आईएएस अफसर हैं। प्रदेश में तैनाती के बाद से ही वह सीएम नवीन पटनायक के पसंदीदा अफसरों में रहे हैं। इसी वजह से उन्हें सीएम का उत्तराधिकारी भी कहा जाता है।
2. 2011 से सीएम के करीबी अफसर
वीके पांडियन की साल 2011 में सीएम आफिस में तैनाती हुई। उसके बाद से ही वह नवीन पटनायक के करीबी अफसर बन गए और अब तक उनके सचिव के पद पर ही तैनात रहे। उसके पहले साल 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब कलेक्टर और 2005 में मयूरभंज जिले के डीएम बने थे। 2007 में सीएम के गृह जनपद गंजाम में गए।
3. हेलीकॉप्टर से जिलों का तूफानी दौरान करने पर उठे थे सवाल
आईएएस वीके पांडियन हाल ही में विपक्षी दलों के निशाने पर तब आए थे। जब उन्होंने राज्य हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर जिलों का तूफानी दौरा किया था। उन पर सेवा शर्तों के उल्लंघन के भी आरोप लगे। तभी सरकार में उनके प्रभाव को लेकर चर्चा शुरु हो गई थी।
4. 5T के सचिव थे वीके पांडियन
नवीन पटनायक ने 2019 में सीएम बनने के बाद प्रदेश के विकास के लिए 5T नाम से एक अभियान लांच किया था। वीके पांडियन को 5T का सचिव बनाया गया था। अब, उन्हें ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर 5T की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जब वह इसके सचिव थे तो लोगों की शिकायतें सुनने के लिए हेलीकॉप्टर से तूफानी दौरा कर 190 बैठकें की थी।
5. भाषा बन सकती है मददगार
वीके पांडियन अंग्रेजी, ओड़िया, तमिल और हिंदी भाषा बोल सकते हैं। कहा जा रहा है कि यह प्रदेश में रहने वाले पूर्वी भारतीयों को लुभाने में मददगार हो सकती है। सूबे की सियासत में यह भी चर्चा है कि सेहत की वजह से सीएम नवीन पटनायक आने वाले चुनाव में सीएम की कुर्सी छोड़ सकते हैं और पांडियन को उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।
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