असल में जिला प्रशासन को दारूल उलूम में अवैध तरीके से हैलीपैड बनाए जाने की खबर मिली थी। हालांकि निजी संपत्तियों पर हैलीपैड बनाने के लिए मानक तय हैं और ये जिला प्रशासन के आदेश पर बनाए जा सकते हैं। लेकिन दारूल उलूम में बन रहे हैलीपैड के लिए संस्थान के प्रबंधन ने कोई अनुमति नहीं ली। जिसके बाद इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद परिसर में हैलीपैड बनाया जा रहा है। अगर ये बनाया जा रहा है तो किसके आदेश पर इसे बनाया जा रहा है। फिलहाल सहारनपुर जिला प्रशासन इसके निर्माण को लेकर सख्त है और उसने संस्थान के प्रबंधन से इसके लिए जवाब तलब किया है।
फिलहाल जिला प्रशासन ने हैलीपैड का निर्माण कार्य को रोक दिया है। असल में जिला प्रशासन को दारूल उलूम में अवैध तरीके से हैलीपैड बनाए जाने की खबर मिली थी। हालांकि निजी संपत्तियों पर हैलीपैड बनाने के लिए मानक तय हैं और ये जिला प्रशासन के आदेश पर बनाए जा सकते हैं। लेकिन दारूल उलूम में बन रहे हैलीपैड के लिए संस्थान के प्रबंधन ने कोई अनुमति नहीं ली। जिसके बाद इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
फिलहाल इसके लिए हो रहे निर्माण कार्य को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया है और इसका निर्माण रोक दिया गया है। सहारनपुर से जिलाधिकारी ने जब दारुल उलूम प्रबंधन से जवाब तलब किया तो उनका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
लिहाजा इसके बाद जांच के आदेश दिए गए। जानकारी के मुताबिक दारुल उलूम देवबंद परिसर में बिना अनुमति के पुस्तकालय ऊपर हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि प्रबंधन ने ये नहीं बताया कि ये निर्माण क्यों जा रहा है।
देवबंद को फतवों की नगरी कहा जाता है। यहां पर दारुल उलूम अकसर इस्लामिक कानून के तहत फतवे जारी करता रहता है। कुछ दिन पहले ही दारूल उलूम ने टीएमसी सांसद नुसरत जहां के खिलाफ फतवा जारी किया था। हालांकि बाद में संस्थान ने कहा कि उसने किसी भी तरह का फतवा जारी नहीं किया है।
फिलहाल जिले के डीएम आलोक कुमार पांडे ने बताया है कि दारूम उलूम में विशाल लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में हेलीपैड निर्माण किए जा रहा था। जिसका निर्माण रोक दिया गया है। दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी को इसके लिए जवाब तलब किया गया था। लेकिन वह अभी तक इसके लिए कोई एनओसी नहीं दे पाए हैं। जबकि यहां पर निर्माण लाइब्रेरी के लिए मांगा गया था। फिलहाल बिना अनुमति के हेलीपैड का निर्माण संस्थान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।